गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर ‘खालिस्तानी झंडा’ फहराने को लेकर ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (APML) काफी खुश है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा स्थापित पाकिस्तानी राजनीतिक पार्टी ने इसे ‘ऐतिहासिक क्षण’ बताया है।
ऑल पाकिस्तान मुस्लिम ने जश्न मनाते हुए इसे ‘Flag changing ceremony’ करार दिया।
एपीएमएल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से कहा, “शांतिप्रिय सिख प्रदर्शनकारी ने लाल किले से भारतीय झंडा को हटा दिया और निशान साहिब ध्वज को फहरा दिया, जो कि सिख लोगों के लिए काफी पवित्र है।” इसके साथ ट्विटर हैंडल से ‘सिख किसानों और मुसलमानों’ से ‘मजबूत रहने’ का भी आग्रह किया।
लाल किले पर फहराया गया झंडा सिख ध्वज बताया जा रहा है, लेकिन भारत के खिलाफ सिख भावनाओं को और भड़काने के लिए पाकिस्तानी स्पष्ट रूप से दोनों के बीच अंतर नहीं कर रहे हैं। यह भी उल्लेख करना उचित है कि आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने माँग की थी कि गणतंत्र दिवस पर खालिस्तानी झंडा फहराया जाए।
पाकिस्तानी राजनैतिक दल इसे भारतीय गणतंत्र के लिए ‘काला दिवस’ बता रहा है। विरोध करने वाली भीड़ की कार्रवाइयों से भारत को भारी शर्मिंदगी हुई है। हालाँकि, कॉन्ग्रेस पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में व्यापक अराजकता का जश्न मना रही है। कॉन्ग्रेस पार्टी ने इसे ‘रिपब्लिक की शक्ति’ नाम दिया है।
उल्लेखनीय है कि सीमावर्ती इलाकों में पुलिस बैरिकेड तोड़ने और प्रदर्शनकारियों द्वारा दिल्ली के कई हिस्सों में पुलिस के साथ भिड़ंत के बाद किसानों के विरोध प्रदर्शन ने एक हिंसक रूप ले लिया है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में मंगलवार (जनवरी 26, 2021) को हिंसा हुई है।
बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही थी। लेकिन मंगलवार सुबह से ही दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर उत्पात की स्थिति देखने को मिली है। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, आईटीओ समेत अन्य कई इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में भिड़ंत हुई है।
प्रदर्शन कर रही भीड़ ने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया, पुलिसकर्मी पर पथराव करने का प्रयास किया और तलवार, रॉड और पत्थरों से पुलिस पर हमला किया। उन्होंने सभी नियमों और कानूनों की अवहेलना की, बैरिकेड्स को तोड़ दिया और राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर बेवजह अराजकता फैला दी।