कश्मीर पर मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले को देश भर में समर्थन मिल रहा है। हालाँकि, कुछ लोग इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं, मगर ज्यादातर लोग इस फैसले का समर्थन करते ही नजर आ रहे है। इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत मोदी सरकार के कई विरोधी भी शामिल है। अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार के फैसले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि जम्मू-कश्मीर पर सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का वो पूरी तरह से समर्थन करते हैं और उम्मीद करते हैं कि ये फैसला राज्य में शांति और विकास लाएगा।
We support the govt on its decisions on J & K. We hope this will bring peace and development in the state.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 5, 2019
सीएम के इस ट्वीट को यूजर ने आड़े हाथों लिया। आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना ट्वीट किया, “दिल पर चट्टान रख कर ट्वीट कर रहे हो ना बौने? हमने जब सेना के समर्थन में वीडियो बनाया तब तो अपने घर पर पालित अमानती कुत्तों से हमको घेर कर मारने की कह रहे थे,अब क्या हुआ? चादर फटी तो प्रसाद लूटने आ गए सबूत माँगने वाले? इतिहास का कूड़ेदान हर दग़ाबाज़ देशद्रोही की प्रतीक्षा में है।”
दिल पर चट्टान रख कर ट्वीट कर रहे हो ना बौने?? हमने जब सेना के समर्थन में वीडियो बनाया तब तो अपने घर पर पालित अमानती कुत्तों से हमको घेर कर मारने की कह रहे थे,अब क्या हुआ?चादर फटी तो प्रसाद लूटने आ गए सबूत माँगने वाले?इतिहास का कूड़ेदान हर दग़ाबाज़ देशद्रोही की प्रतीक्षा में है?
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 5, 2019
कुमार विश्वास के ट्वीट पर एक यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केजरीवाल दिल्ली को पूर्णराज्य बनाने की माँग कर रहे थे और मोदी जी ने एक और केंद्र शासित प्रदेश खड़ा कर दिया।
अपनी यूनियन टैरिटरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के असंभव ख़्वाब देखने वाले आत्ममुग्ध बौने को भी एक पूर्ण राज्य के यूनियन टैरिटरी में बदलने के प्रस्ताव का समर्थन करना पड़ रहा है ?इसी को “खुदाई-जूता” कहते हैं जो लगता भी है और रोने भी नहीं देता ? चलो जलेबी खाओ #KashmirHamaraHai pic.twitter.com/VG3bzmlYgQ
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 5, 2019
इसके साथ ही उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, “अपनी यूनियन टैरिटरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के असंभव ख्वाब देखने वाले आत्ममुग्ध बौने को भी एक पूर्ण राज्य के यूनियन टैरिटरी में बदलने के प्रस्ताव का समर्थन करना पड़ रहा है, इसी को ‘खुदाई-जूता’ कहते हैं जो लगता भी है और रोने भी नहीं देता। चलो जलेबी खाओ।”