हैदराबाद की बेटी के साथ हुई दरिंदगी से गुस्सा देश भर में फूटा है। हर कोई बलात्कारियों की फाँसी की माँग कर रहा है। कुछ ऐसा ही सात साल पहले दिल्ली में निर्भया के साथ हुई वारदात के बाद हुआ था। इसके बाद कानून तक बदला गया। निर्भया के गुनहगारों को निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक फाँसी की सजा सुनाई गई, लेकिन अभी तक वे फाँसी के फंदे पर नहीं चढ़े हैं।
हाल ही में आरोपितों की दया याचिका खारिज होने के बाद इस मामले पर जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने अपील याचिका के बाद ही विशेष अनुमति याचिका को भी खारिज करते हुए निचली अदालत द्वारा 5 मई 2017 को दोषी को सुनाई गई फाँसी की सजा को बरकरार रखा।
हालाँकि, अफसोस की बात यह है कि तिहाड़ जेल में दरिंदों को फाँसी देने वाला ही नहीं है। जेल अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनके पास फाँसी देने के लिए जल्लाद नहीं है। अदालत द्वारा “ब्लैक वारंट” जारी करने के बाद दोषी दरिंदों को फाँसी दी जा सकती है। राष्ट्रपति द्वारा दोषियों की दया याचिका की अस्वीकृति के बाद वारंट जारी किया जाएगा और संभावना है कि एक महीने के अंदर इसका फैसला हो जाएगा।
देश से अपराध खत्म करने के लिए प्रशासन कितना सक्रिय और उत्सुक है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपराधियों को सजा देने के लिए जेल में जल्लाद उपलब्ध नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जेल के वरिष्ठ अधिकारी जल्लाद की तलाश में हैं और बताया जा रहा है कि इसके लिए वैकेंसी भी निकाली गई है।
संभावना जताई जा रही है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरू के समय की तरह ही तिहाड़ इस बार भी जल्लाद की नियुक्ति नहीं करेगा। बता दें कि अफजल गुरू को फाँसी देने के समय एक जेल अधीक्षक ने ही लीवर खींचा था। इस बार जल्लाद को एक बार के कॉन्ट्रैक्ट (one-time contract) पर रखा जाएगा। टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार राजशेखर झा ने इस खबर को शेयर किया।
Tihar jail has a vacancy. For a hangman. With Nirbhaya’s rapists running out of options and an execution looking imminent, Tihar has began search for a man who would carry out the hanging. It is likely to be a one-time contract. pic.twitter.com/29K77jDDb0
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) December 3, 2019
जिसके बाद पत्रकार के पास निर्भया के बलात्कारियों को फाँसी देने के लिए उत्सुक नेटिजन्स का ‘आवेदन’ आने लगा। सभी लोग उन बलात्कारियों को फाँसी देना चाहते हैं। कोई कहता है, “मुझे बुला लो” तो कोई कहता है कि वो फ्री में ये काम करने के लिए तैयार है। एक ने लिखा, “जो भी रस्सी खींचेगा वह मानवता का उपकारक होगा।” एक यूजर ने लिखा, “सोशल मीडिया पर बस नौकरी पोस्ट करें – जब तक पूर्व अनुभव अनिवार्य आवश्यकता नहीं है, तब तक हजारों इसे करने के लिए तैयार होंगे।”
Friends, I am not holding any interviews for this. Those sending DMs and replying that they are interested in this job may plz contact the jail authority– dig-tihar at https://t.co/IYzJl7Pqav . ? https://t.co/xV7jfUhC9r
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) December 3, 2019
राजशेखर झा के खबर शेयर करने के बाद उनके पास इतने ज्यादा ईमेल और ‘आवेदन’ आने लगे कि उन्हें एक अन्य ट्वीट करते हुए लिखना पड़ा कि इस नौकरी के लिए वो इंटरव्यू नहीं लेने वाले हैं। उन्होंने लिखा कि जो लोग इसमें रूचि रखते हैं, वो जेल अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं।
वहीं बताया जा रहा है कि जल्लाद न होने की समस्या को समाप्त करने के लिए तिहाड़ जेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से अन्य जेलों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। अन्य जेलों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या उनके पास जल्लाद है। वे उत्तर प्रदेश के कुछ गाँवों में भी पूछताछ कर रहे हैं, जहाँ से अंतिम जल्लाद था।
एक जेल अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “हमारे सिस्टम में अक्सर परीक्षाएँ नहीं होती हैं क्योंकि दुर्लभ मामलों में मौत की सजा दी जाती है। इसलिए, पूर्णकालिक जल्लाद व्यवहार्य नहीं है। इसके अलावा इस नौकरी के लिए पूर्णकालिक कर्मचारी ढूँढना मुश्किल काम है।”