सोमवार (मार्च 16, 2021) को मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को एंटीलिया बम कांड मामले में उनकी बेगुनाही का समर्थन करने के लिए सैकड़ों ट्वीट किए गए।
इनमें से ज्यादातर ट्वीट्स में दावा किया गया कि परमबीर सिंह को ‘स्कॉर्पियो कार विवाद’ में ‘घसीटा’ गया।
इनमें से किसी ने भी उल्लेख नहीं किया कि कैसे ‘स्कॉर्पियो कार’ वास्तव में विस्फोटक लदी थी और एंटीलिया, रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली।
इन ट्वीट्स में दावा किया गया कि परमबीर सिंह को राजनीतिक लाभ के लिए विवाद में घसीटा गया।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के अधिकारियों ने मुंबई पुलिस आयुक्त के कार्यालय से सफेद इनोवा कार बरामद की है। शक है कि 25 फरवरी को एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी स्कॉर्पियों खड़ी करने की घटना में एक सफेद इनोवा कार का भी इस्तेमाल किया गया था। इसी तरह का कैंपेन ‘टूलकिट’ मामले में भी चलाया गया था।
मराठी मीडिया आउटलेट साकाल के अनुसार, एनआईए के अधिकारियों ने सफेद इनोवा को मुंबई पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में ट्रेस किया है। करीब से देखने पर उन्होंने पाया कि यह वही सफेद इनोवा कार है, जिसका इस्तेमाल विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो के साथ किए जाने की आशंका है। जानकारी के मुताबिक इस कार पर ‘पुलिस’ लिखा हुआ था।
इधर शिवसेना ने वाजे की गिरफ्तारी से आहत होकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पार्टी के मुखपत्र सामना में जाँच एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं। लेख में वाजे के विरुद्ध हुए एक्शन को बदले की कार्रवाई कहा गया है।
सामना के हालिया लेख में एटीएस से मामला एनआईए को सौंपे जाने पर भी शिवसेना ने सवाल उठाए। उनका मत है कि इस गिरफ्तारी से भाजपा को ऐसा आनंद मिला है, जिसके वर्णन में शब्द कम पड़ जाएँगे। अपने तर्क को साबित करने के लिए इसमें अर्णब गोस्वामी का उदाहरण दिया गया है।
सामना के लेख के मुताबिक, सचिन वाजे बहुत समय से भाजपा की हिटलिस्ट में थे। इसलिए मुंबई पुलिस की जाँच पूरी होने तक केंद्रीय दस्ता रुकने को तैयार नहीं था। उनके अनुसार, देश में कश्मीर जैसी जगहों पर विस्फोटक मिलते हैं लेकिन क्या कभी जाँच एजेंसी का दस्ता वहाँ गया।