ब्राह्मण महिलाओं और बच्चों का ‘सर तन से जुदा’ करने के लिए आवाज उठाई जा रही है। इसे कट्टर इस्लामी आतंकियों के द्वारा नहीं बल्कि दलितों से करवाने के लिए उकसाया जा रहा। कौन है जो ऐसा चाह रहा? कोई आंतकी संगठन नहीं… बल्कि ‘द्रविड़ियन स्टॉक’ से संबंधित आदमी है यह। एक ऐसा आदमी जिसे ट्विटर पर अभिनेता और वामपंथी प्रकाश राज भी फॉलो करते हैं। @kannadamando – ट्विटर पर इस हैंडल वाले द्रविड़ विचारधारा के इस व्यक्ति ने ब्राह्मणों के खिलाफ काफी जहर उगला है।
Corner one community. Then the new community becomes new-brahmins. And Brahminism won't stop.
— Lara Cröft (@Tomb_Raider__) March 1, 2023
Dalits r not fools to fight for making OBCs as new brahmins.
In TN, OBCs are new brahmins.
We prefer denouncing Hinduism n uniting under Buddhism which teaches us equality, compassion
द्रविड़ विचारधारा वाले ट्विटर यूजर @kannadamando ने ब्राह्मण महिलाओं और बच्चों की सामूहिक हत्याओं की बात जिस शख्स से की, उसने खुद को ‘अंबेडकरवादी’ यानी अंबेडकर के आदर्शों का पालन करने वाला बताया है। ‘अंबेडकरवादी’ ने हालाँकि ब्राह्मणों की सामूहिक हत्या पर सहमति तो नहीं जताई लेकिन वो हिंदू धर्म को मिटाने की आवश्यकता पर सहमत दिखा। उसने ‘दलितों को और अधिक करने की आवश्यकता है’ पर भी बल दिया।
भारतीय समाज में दलितों पर ‘चर्चा’ करते हुए ‘द्रविड़ियन स्टॉक’ से संबंधित इस आदमी ने 1 मार्च 2023 (सोमवार) को ब्राह्मण महिलाओं और बच्चों की सामूहिक हत्या की बात की। सोचने और एक हद तक डरावनी बात यह है कि इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि ऐसा करके सामाजिक न्याय के द्रविड़ियन-मार्क्सवादी विचार को प्राप्त किया जा सकेगा।
ब्राह्मणों का नरसंहार करवाने की सोच रखने वाले ट्विटर यूजर की वास्तविक पहचान क्या है, वो क्या करता है, यह ज्ञात नहीं है। यह जरूर है कि इस ट्विटर यूजर को अभिनेता प्रकाश राज फॉलो करते हैं।
प्रकाश राज ने हाल ही में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार पर बात करते हुए ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को ‘बकवास’ कह डाला था। खुद को वामपंथी बताने वाले प्रकाश राज ने बिहार जाकर कन्हैया कुमार के लिए प्रचार भी किया था। यह और बात है कि अब कन्हैया गाँधी से जुड़ी कॉन्ग्रेस पार्टी में काम करके राजनीति चला रहे।
द्रविड़ विचारधारा: ब्राह्मण विरोधी, एंटी-इंडियन
द्रविड़ विचारधारा मुख्यतः ब्राह्मण विरोधी विचारधारा है। इसे ब्रिटिश युग में इरोड वेंकटप्पा रामासामी (Erode Venkatappa Ramasamy) नाम के तमिल राजनेता द्वारा प्रचारित किया गया था। इरोड वेंकटप्पा रामासामी को उनके अनुयायी ‘पेरियार (Periyar)’ कहते हैं।
ब्राह्मणों के विरोध के अलावा, पेरियार को उत्तर भारतीयों से घृणा करने के लिए भी जाना जाता है। यही वो शख्स है, जिसने दक्षिण भारत को एक अलग राष्ट्र के रूप में समर्थन दिया था।
पेरियार ही वो शख्स है, जिसने भारत की स्वतंत्रता को ‘काला दिन’ कहा था। ऐसा इसलिए क्योंकि द्रविड़ों के एक अलग राष्ट्र का उनका सपना 15 अगस्त 1947 को साकार नहीं हुआ था।
गौर करने लायक बात है कि पेरियार के अनुयायियों के बीच ब्राह्मणों के खिलाफ हिंसा कोई नई बात नहीं। समय-समय पर ये लोग ब्राह्मण नरसंहार की बात करते रहते हैं।
ट्विटर यूजर @kannadamando के डिस्प्ले पिक्चर और कवर इमेज दोनों से मार्क्सवाद झलकता है। आश्चर्य यह कि खुलेआम ब्राह्मण नरसंहार की बात करने के बावजूद ट्विटर के नियमों के अनुसार इस अकाउंट को निलंबित (इस रिपोर्ट के प्रकाशन के समय तक) नहीं किया गया है।
Hello @BlrCityPolice. This person is threatening the beheading of Brahmin families. https://t.co/1BdHnNLFDU pic.twitter.com/xRBKwO2JrE
— Ashish (@agenetics1) March 2, 2023
कई ट्विटर यूजर ने ब्राह्मणों के खिलाफ हिंसा की खुलेआम बात करने वाले बंदे को लेकर आपत्ति जताई। @agenetics1 नाम के ट्विटर यूजर ने ‘दलित सशक्तिकरण’ को लेकर छद्म बयानबाजी और ब्राह्मणों के प्रति घृणा फैलाने के लिए पुलिस कार्रवाई की बात की।