आपने उस वीडियो फुटेज को ज़रूर देखा होगा, जिसमें एक रेलवे कर्मचारी जान पर खेल कर एक बच्चे को बचाता है। उक्त रेलवे कर्मचारी का नाम है, मयूर शेलके, जो सेंट्रल रेलवे में बतौर पॉइंट्समैन कार्यरत हैं। उन्होंने ये बड़ा कारनामा महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के पास स्थित वन्गनी रेलवे स्टेशन पर किया। बच्चे की उम्र मात्र 6 साल है। वो प्लेटफॉर्म से फिसल पर रेलवे की पटरी पर गिर गया था।
सामने से ट्रेन भी आ रही थी, ऐसे में मयूर शेलके ने गजब की सूझबूझ और चपलता का परिचय देते हुए चलती हुई ट्रेन के सामने कूद कर न सिर्फ बच्चे को बचाया, बल्कि खुद भी प्लेटफॉर्म पर वापस आए। CCTV फुटेज खुद केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शेयर किया, जिसके बाद ये वायरल हो गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी तारीफ़ की। जब वो बच्चे को बचा कर वापस प्लेटफॉर्म पर कूदे थे, तब उनके और ट्रेन के बीच मात्र 2 सेकेंड की दूरी थी।
अब सेन्ट्रल रेलवे ने उन्हें सम्मान के रूप में 50,000 रुपए देने के फैसला लिया है। साथ ही ‘Jawa मोटरसाइकल्स’ ने उन्हें एक बाइक देकर सम्मानित करने का निर्णय लिया। Jawa के डायरेक्टर अनुपम थरेजा ने कहा कि पॉइंट्समैन मयूर शेलके के इस साहस भरे कारनामे से संपूर्ण जावा परिवार स्तब्ध है और इस अनुकरणीय बहादुरी के लिए वो उन्हें ‘जावा हीरोज’ अभियान के तहत एक बाइक देकर सम्मानित करेंगे।
The entire @jawamotorcycles family sends across a heartfelt cheer to Pointsman Mayur Shelke. Our ongoing #JawaHeroes initiative recognises real heroes from all corners of India, and we’re honoured to have him ride as part of the #Kommuniti.@RailMinIndia #MayurShelke pic.twitter.com/Hty11OHJJO
— Anupam Thareja (@reach_anupam) April 20, 2021
30 वर्षीय मयूर शेलके के बारे में बता दें कि मूल रूप से वो पुणे के पास स्थित तलवड़े के रहने वाले हैं और उन्होंने 5 वर्ष पहले मार्च 2016 में भारतीय रेलवे की नौकरी जॉइन की थी। 1 साल पहले ही उनकी शादी हुई है। आर्ट्स से स्नातक मयूर शेलके पहले पहले रायगढ़ कर्जत स्टेशन पर पदस्थापित थे। पिछले 8 महीने से वो वन्गनी में कार्यरत हैं। बच्चे की जान बचाने वाली घटना शनिवार (अप्रैल 17, 2021) की है।
परिस्थितियां जो भी हों, हमारे रेलकर्मी अपना दायित्व निभाने में हमेशा आगे रहे हैं।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) April 20, 2021
इसका उदाहरण पेश करते हुए मुंबई के वांगणी स्टेशन पर रेलवेमैन मयूर शिल्के ने एक बालक को ट्रेन की चपेट में आने से बचाया।
रेल परिवार को उन पर गर्व है। उनकी इस बहादुरी के लिये उन्हें पुरस्कृत किया गया। pic.twitter.com/Ky5jPF8Sn7
बच्चा उस वक़्त अपनी माँ के साथ जा रहा था। उसकी माँ नेत्रहीन हैं, जिन्होंने अपने बच्चे के गिरते ही मदद के लिए आवाज़ लगाई थी। बच्चा प्लेटफॉर्म पर ऊपर आने की कोशिश कर रहा था, फिर भी माँ रोए जा रही थी – तभी मयूर शेलके ने अंदाज़ा लगा लिया कि वो नेत्रहीन हैं। एक पॉइंट्समैन का कार्य होता है कि वो ट्रेन के सिग्नल और उनकी कार्यप्रणाली पर नजर रखे। ‘एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट’ भी उन्हें 50,000 रुपए का सम्मान देगा।