प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानून वापस लेने की घोषणा किए जाने के बाद भी किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। अलग-अलग माँगों के साथ अब भी कथित किसान नेता भीड़ लेकर बैठे हैं। हालत ऐसी हो गई है कि आम जन इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। मंगलवार (नवंबर 23, 2021) को तो एक महिला गुस्से में इन प्रदर्शनकारियों पर चिल्ला पड़ी। उसने बीच सड़क पर पुलिस की मौजूदगी में किसान नेता को झाड़ा और उन नेताओं के समर्थन में उतरीं महिलाओं को भी खरी-खोटी सुनाई।
जानकारी के मुताबिक, किसान आंदोलन के नाम पर ग्रेटर नोएडा में कुछ प्रदर्शनकारी शक्ति प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे। सैंकड़ों किसानों ने जीरो प्वाइंट एक्सप्रेसवे पर जाम लगाया हुआ था। इससे एक एंबुलेस इस जाम में फँस गई। एंबुलेंस में एक महिला का शव रखा था जिसे उनका परिवार अलीगढ़ ले जा रहा था। हालाँकि लंबा जाम लगने के कारण ये बहुत देर तक संभव नहीं हुआ।
अंत में जब बर्दाश्त की सीमा पार हुई तो मृत महिला की बेटी गाड़ी से उतरी और किसान नेता सुखबीर खलीफा पर भड़क पड़ी। वह बोली, “आप ही किसान हो क्या, हम किसान नहीं है। ये सारे किसान नहीं हैं। मैं उतनी दूर से चलकर आई हूँ अभी मुझे टप्पल जाना है। मेरी मम्मी की डेथ हो गई और ये जाम लगा पड़ा है।”
महिला की आवाज सुनकर कुछ महिलाएँ आ गईं और कहने लगीं, “ठीक है आप निकलिए।” इस पर महिला ने कहा, “जब जाम खुलेगा तभी तो निकलेंगे। मेरी हालत दिख रही है तुम्हें। मैं भी किसान की बेटी हूँ।” जब वहाँ खड़ी महिलाओं ने कहा, “हम आपका दर्द समझ रहे हैं।” इस पर महिला बोली, “कोई दर्द नहीं समझता है।”
झकझोर देने वाला विडियो..
— Yogesh Tiwari (@yogirishuNBT) November 23, 2021
महिला ने रोते हुए कहा कि जाम खोलिए, एंबुलेंस में मेरी मां का शव है. अंतिम संस्कार जाने दो. किसान नोएडा अथॉरिटी से मांगे पूरी करवाने को कर रहे हैं आंदोलन. दादरी विधायक के घेराव को परी चौक जीरो प्वाइंट पर जुटे किसान. 5 किमी लंबा जाम लगा. हजारों लोग फंसें. pic.twitter.com/AgxXiFdJvn
बता दें कि इस वीडियो के सामने के बाद सोशल मीडिया पर लोग अपने-अपने क्षेत्रों में होने वाली परेशानियों की तस्वीर शेयर कर रहे हैं। जगह-जगह जाम होने के कारण लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। इस घटना को देख कोई इसे शर्मसार करने वाला बता रहा है तो तो इससे झकझोरने वाली वीडियो कहकर इस पर प्रतिक्रिया दे रहा है। स्वतंत्र मीडिया कर्मियों से सवाल किया जा रहा है कि आखिर वो आम जन का पक्ष दिखाने में क्यों हिचक रहे हैं।