कश्मीर को लेकर फर्जी खबर फैलाने के आरोप में एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने ‘द हिंदू’ की पत्रकार विजयता सिंह (Vijaita Singh) को सोशल मीडिया पर जमकर लताड़ा। पुलिस अधिकारी ने झूठे दावे वाली द हिंदू की रिपोर्ट पर विजयता को जवाब देते हुए न केवल उनके काम पर सवाल उठाया बल्कि उन्हें पूरे मामले की हकीकत से भी रूबरू करवाया और कहा कि वह पुलिस को काम सिखाने से अच्छा है अपने काम पर ध्यान दें।
दरअसल, घोषित वामपंथी अखबार द हिंदू की पत्रकार विजयता ने ट्विटर पर एक रिपोर्ट शेयर करते हुए दावा किया कि 5 अगस्त से अब तक 36 कश्मीरी पैलेट घावों का शिकार हो चुके हैं। विजयता ने अपनी बात को साबित करने के लिए इस रिपोर्ट में वरिष्ठ सरकारी सूत्रों का हवाला दिया। लेकिन उन्होंने इस रिपोर्ट में किसी अधिकारी का नाम नहीं बताया। उन्होंने बस हवा में दावा कर दिया कि सुरक्षाबलों ने 36 लोगों को प्रदर्शन के दौरान घायल किया।
None of them was in home. They were out. Defying the orders, taking law into hands, provoking & protesting in illegal way. The no could have been much higher but due to thorough professionalism & unfathomable restraint displayed by security personnel. #KashmirWelcomesChange
— Pranav Mahajan (@pranavmahajan) August 29, 2019
इस रिपोर्ट के शेयर करने के कुछ देर बाद जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रणव महाजन ने उन्हें दो टूक रिप्लाई दिया और बताया कि जिन लोगों के घायल होने की बात विजयता अपनी रिपोर्ट में कर रही हैं, वह हकीकत में अपने घर में नहीं थे बल्कि घर से बाहर थे। वो आदेशों की अवहेलना कर रहे थे, कानून को अपने हाथ में ले रहे थे, साथ ही गलत ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे और लोगों को उकसा रहे थे।
इसके बाद प्रणव महाजन ने अपने ट्वीट में विजयता पर ये भी आरोप लगाया कि वह कश्मीर के हालातों पर भ्रामक रिपोर्ट लिखने के लिए जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़ रही हैं, जो काफी दुखद है।
The numbers are accurate and provided by official sources. If you have a problem, ask the J&K government to send a clarification. No need to sermonise journalists. You are a policeman, get working, it’s 9.30 am! https://t.co/VWKxKiO3mB
— vijaita singh (@vijaita) August 30, 2019
मुमकिन था सोशल मीडिया पर एक पुलिस अधिकारी से इतना सुनने के बाद कोई अन्य पत्रकार अपने को सही साबित करने के लिए सबूत पेश करता। लेकिन विजयता ने तो उचित आँकड़े पेश करने की बजाए पुलिस अधिकारी प्रणव महाजन से कहा कि उन्होंने जो संख्या बताई है वो सटीक है और आधिकारिक सूत्रों द्वारा दी गई है। इसलिए अगर उनको (प्रणव) दिक्कत है तो वो सफाई के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार से संपर्क करें। न कि किसी पत्रकार को कोसें। इसके बाद विजयता यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने आगे लिखा , “तुम पुलिस वाले हो, काम पर जाओ, 9:30 बजे रहे हैं।”
जिसपर प्रणव महाजन ने बड़ी सभ्यता के साथ जवाब देते हुए कहा, “इस ट्वीट से पता चलता है कि आप हमारे काम को लेकर कितनी चिंतित हैं, लेकिन ये 9:30 उनके लिए बज रहे हैं जो सोते हैं, उठते हैं और नाश्ता करते हैं। हम ये सब नहीं करते क्योंकि हमें बाहर रहकर लोगों का ध्यान रखना होता है। यहाँ नहीं का मतलब कुछ नहीं हैं। मैं पहले ही घर से बाहर हूँ। आप कृपया करके हमें बताने से अच्छा है आप अपना काम करें।“
गौरतलब है कि इन दिनों कश्मीर के हालातों पर प्रोपेगेंडा परस्त खबरे फैलाने में ‘द हिंदू’ सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभा रहा है। क्योंकि विजयता सिंह से पहले फर्जी खबर फैलाने के लिए द हिंदू की नेशनल एडिटर सुहासिनी हैदर पर भी इल्जाम लगे थे।