भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा की और तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा किया। इन तस्वीरों को और पीएम मोदी की यात्रा को भारत में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने वाला कदम माना गया। इस बीच, एक एक्स यूजर मिस्टर सिन्हा ने कुछ ऐसा लिख दिया कि सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई। इस जंग में कूदे मालदीव के एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन-तीन मंत्रियों को छुट्टी हो गई। मालदीव सरकार को सफाई देनी पड़ी, इसके बावजूद भारतीयों ने मालदीव का बायकॉट कर दिया है और मालदीव की भारत विरोधी सरकार को लोग जमकर सुना रहे हैं। तो आखिर ये मिस्टर सिन्हा हैं कौन? जिनके ट्वीट पर इतना बड़ा बवाल हो गया।
दरअसल, मिस्टर सिन्हा का पूरा नाम रौशन सिन्हा है और वो एक राजनीतिक विश्लेषक हैं। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पीएम मोदी की एक वीडियो को साझा किया था। सिन्हा ने पीएम मोदी द्वारा लक्षद्वीप के पर्यटन को बढ़ाने देने की अपील को री-ट्वीट करते हुए मालदीव की सरकार को चीन की कठपुतली सरकार बता दिया। उन्होंने लिखा, “क्या बढ़िया कदम है! यह मालदीव की नई चीनी कठपुतली सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। साथ ही इससे लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।”
It seems it has reached the Maldives & many Maldivians are hurt with this.
— Mr Sinha (@MrSinha_) January 5, 2024
Just to clarify that we have nothing against the Maldives, we are against your new govt which is pro China & anti India..
इस पोस्ट ने मालदीव की युवा अधिकारिता, सूचना और कला उप मंत्री मरियम शिउना को परेशान कर दिया। सिन्हा की उस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मालदीव की नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “विदूषक” और “इजरायल की कठपुतली” कह दिया। इस मामले में सोशल मीडिया पर जबरदस्त बखेड़ा खड़ा हो गया। जिसके बाद मालदीव में सत्ताधारी पार्टी के दो अन्य नेताओं के साथ शिउना को निलंबित कर दिया गया है।
इस पूरे मामले के बाद मिस्टर सिन्हा ने एक्स पर एक पोस्ट किया और उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा, “ऐसा लगता है कि ये मामला मालदीव तक पहुँच गया है और कई मालदीववासी इससे आहत हैं। मैं बस ये साफ करना चाहता हूँ कि हम मालदीव के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि तुम्हारे चीनी कठपुतली सरकार के खिलाफ हैं, जो भारत विरोधी है।”
On a different note,unlike Pakistan not all the citizens of Maldives are anti India.
— Mr Sinha (@MrSinha_) January 6, 2024
A large number of the population is pro India & their previous govt had a friendly relationship with us.
It's just the current gvt which is a Chinese puppet..
ऑपइंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि मालदीव में विपक्ष भारत समर्थक है जबकि मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार चीन समर्थक है। बता दें कि ये विवाद उस समय खड़ा हुआ, जब 8 जनवरी को मुइज्जू चीन की यात्रा पर जाने वाले थे। सिन्हा ने भारतीयों की ताकत को रेखांकित करते हुए लिखा, “विदेश मंत्रालय ने ऐसे समय में मालदीव के दूत को बुलाया, जब मालदीव के राष्ट्रपति चीन में हैं। यह एक तरह से चीन के लिए भी बड़ा संदेश है।” सिन्हा ने कहा कि भारत विरोधी शक्तियों के खिलाफ अब भारतीय एकजुट हो गए हैं।
मिस्टर सिन्हा गुजरात में रहने वाले व्यवसाई हैं। वो मूलरूप से बिहार के हैं। सिन्हा भारत की राजनीति, वैश्विक राजनीति और विदेश नीति में रूचि रखते हैं। वो अपनी हिंदू पहचान पर गर्व भी करते हैं। अपनी राजनीतिक चेतना के बारे में बात करते हुए मिस्टर सिन्हा का कहना है कि साल 2014 के बाद से भारतीयों के आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि हुई है। मिस्टर सिन्हा पिछले कुछ सालों से सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। उनका एक अकाउंट भले ही सस्पेंड हो गया है, लेकिन उनके एक्स सोशल मीडिया पर 167k से ज्यादा फॉलोवर हैं।
सिन्हा ने ऑपइंडिया को बताया कि ये विवाद शुरू होने के बाद से उन्हें इनबॉक्स में कई लोगों ने जान से मारने की धमकी दी है, तो कई लोगों ने गालियाँ भी दी हैं। हालाँकि उन्होंने ये भी कहा कि भारतीयों द्वारा मालदीव के बहिष्कार को भारत सरकार का भी समर्थन मिलता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि मालदीव में सरकार का बदलना भारत के लिए अच्छा ही होगा। 7 जनवरी को सूत्रों के हवाले से मिस्टर सिन्हा ने एक्स पर दावा किया कि मालदीव का पर्टयन विभाग भारत विरोधी अभियान को हवा दे रहा है।
सिन्हा ने कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “मालदीव में राष्ट्रपति मुइज्जू के करीबी लोग, उनके मंत्री और कुछ व्यापारिक घराने भारत विरोधी अभियान को हवा देने में जुटे हैं, क्योंकि वो चीन को खुश करना चाहते हैं। वो कुछ समय में चीन भी जाने वाले हैं।” हालाँकि अब मुइज्जू चीन पहुँच चुके हैं।
So the entire anti India campaign is being sponsored by a few business houses who are close to #Maldives President & their ministers.
— Mr Sinha (@MrSinha_) January 7, 2024
And President @MMuizzu is doing it purposely to please China. Sources say he's visiting China in a few days.#BoycottMaldives pic.twitter.com/eh3MFsKXee
मालदीव के एक अखबार ने भारत विरोधी पोस्ट शेयर किया था, जिसमें मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों पर तुरंत रोक लगाने का आह्वान किया गया था। इस पोस्ट में यूरोपीय पर्यटकों और भारतीय पर्यटकों के बीच तुलना की गई थी और बताया गया था कि यूरोप के पर्यटक भारतीयों से बेहतर क्यों है। इसमें भारतीय पर्यटक के तौर पर मिस्टर सिन्हा की तस्वीर इस्तेमाल की गई थी।
It is important to note the pic that they used when depicting Indian tourist 😂🤣
— Ketofol☀️ (@aka911_) January 6, 2024
It’s our very own superman, who defends our border when we sleep 🥰
The one and only @MrSinha_ 🥂 pic.twitter.com/BYFooGKhYc
ऐसे में जब सिन्हा ने लक्षद्वीप को लेकर पोस्ट किया और मालदीव को आईना दिखाया, तो मालदीव की भारत विरोधी ताकतें नाराज हो गईं और भारतीयों को नीचा दिखाने की कोशिश में जुट गए। इसी कड़ी में उन्होंने पीएम मोदी का भी अपमान करने की कोशिश की। इसके बाद जब भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, तो मालदीव की सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और अपने तीन मंत्रियों को पद से हटाना पड़ा। वहीं, इस बीच मालदीव में भारत समर्थक नेताओं ने भारत का जबरदस्त समर्थन किया। इस विवाद के बीच इस बात की जरूरत भी थी कि मालदीव के जिम्मेदार लोग या जो पहले जिम्मेदार पदों पर रहे हैं, वो भारत को लेकर अपना रुख साफ करें। कई पूर्व राष्ट्रपतियों और मंत्रियों ने ऐसा किया भी और भारत के साथ दोस्ती की कसमें खाईं।
वैसे, इस पूरे मामले में एक बात तो साफ हो गई कि मालदीव का भारत विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। इससे भी जरूरी बात ये हुई कि भारतीय लोग जाग गए और उन्होंने पूरी दुनिया को भारत की ताकत दिखा दी। अब इस मामले में भले ही तीन मंत्रियों को हटा दिया गया हो, लेकिन भारतीय लोग #VisitMaldives के विरोध में #Explore IndianIslands #BoycottMaldives #MaldivesOut #LakshadweepTourism जैसे हैशटैग लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं और मालदीव को घुटने पर ला रहे हैं।