महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने आरोप लगाया है कि उनकी अम्मी को भड़काऊ बयानों के कारण गिरफ्तार नहीं किया गया है, उन्हें सिर्फ़ इसीलिए गिरफ़्तार किया गया है क्योंकि उन्होंने जम्मू कश्मीर पर केंद्र सरकार के 'अवैध फ़ैसले' के ख़िलाफ़ 'आवाज़ उठाने का अपराध' किया था।
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल ही संसद में उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बारे में टिप्पणी की और रात में उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लगा दिया गया। आप कश्मीर पर इस तरह राज नहीं कर सकते हैं। कश्मीर भौगोलिक तौर पर तो हमारा है लेकिन भावनात्मक रूप से नहीं।"
अटॉर्नी जनरल ने पीठ के सामने एक-एक कर ऐतिहासिक घटनाक्रम का ब्योरा दिया। साथ ही कश्मीर का भारत में विलय और जम्मू कश्मीर संविधान सभा के गठन के बारे में विस्तार से बताया।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रियासी के मुरी गाँव में एक फुटब्रिज और एक पानी की टंकी का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा, "आज, मुझे कई विकास परियोजनाओं के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों के संबंध में उपायुक्त द्वारा आदेश जारी किए गए थे।"
कश्मीर समिति दिल्ली के अध्यक्ष समीर चंगू का कहना है कि हमारा तो सबकुछ लुट गया। परिवार-रिश्तेदार और पड़ोसी सब। पीड़ा तो थी ही ज़बरदस्त गुस्सा भी था। लेकिन, हम उनकी तरह जवाब नहीं दे सकते थे। हमने कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया।
"पाकिस्तान में आतंकवादियों को सुरक्षित ठिकानों में प्रशिक्षित किया जाता है। बच्चों और युवाओं को किताबों की जगह बंदूक दी जाती हैं, महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है, और अल्पसंख्यकों को सताया जाता है।"
लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने हार कबूल करते हुए इस्तीफा दे दिया है। चुनाव से पहले उनसे कॉन्ग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने भी मुलाकात की थी। साथ ही आतंकी संगठन जेकेएलएफ ने लेबर पार्टी को चुनाव में समर्थन का ऐलान किया था।
कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक पत्र ट्वीट कर अब्दुल्ला का दर्द सामने रखा है। साथ ही कहा है कि उन्हें संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जाए। इसको लेकर सोशल मीडिया में लोगों ने थरूर और अब्दुल्ला को जमकर सुनाई है।
विदेशी पत्रकार डेक्स्टर ने लिखा कि जब वो श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरे, तो राणा अयुब ने उन्हें ‘विदेशियों के लिए पंजीकरण’ डेस्क पर जाने से रोक दिया। हवाई अड्डे पर हंगामा का लाभ उठाते हुए, वे दोनों बिना किसी रोक-टोक के और बिना पंजीकरण करवाए आराम से बाहर निकल गए।
जम्मू-कश्मीर से 370 हटाए जाने के बाद के 115 दिनों में जिहादियों ने 88 घटनाओं को अंजाम दिया। यह संख्या 370 हटने के पहले के 115 दिनों (12 अप्रैल, 2019 से 4 अगस्त, 2019 तक) में हुई ऐसी ही 106 घटनाओं के मुकाबले 17% कम है।