Monday, November 18, 2024

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इस्लाम

एक ही थाली में 6-7 लोग खाते थे, सेक्स करना भी सिखाते थे: मरकज में 21 दिन रहे शख्स का खुलासा

तेलंगाना के रहने वाले इस व्यक्ति के अनुसार तबलीगी जमात पूरी दिनचर्या तय करता है। खाने-पीने से लेकर मल-मूत्र त्याग करने तक सब कुछ। यहाँ तक कि सेक्स कैसे करना है, ये भी जमात ही सिखाता था। यह भी कहा जाता था कि बीमार पड़ने पर डॉक्टरों के पास नहीं जाना चाहिए और अल्लाह में यकीन करना चाहिए।

‘क्वारंटाइन नहीं, वो डिटेंशन सेंटर है… इंजेक्शन देकर मारा जाता है वहाँ’ – विवादित बयान पर MLA अमिनुल इस्लाम गिरफ्तार

पुलिस के पास पहुँची ऑडियो क्लिप में विधायक दावा कर रहा है कि क्वारंटाइन सेंटर्स में लोग मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं, जबकि वास्तविकता में वो बिलकुल फिट और स्वस्थ हैं। वे वहाँ स्वस्थ लोगों को इंजेक्शन देते हैं, ताकि वो बीमार हो जाएँ और कोरोना मरीज बन जाएँ।

तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद ने PM रिलीफ फंड में दिया ₹1 करोड़, अखबार में छपी खबर: Fact Check

सोचने वाली बात है कि आखिर कोई आयरिश अखबार भारत की इस छोटी सी सूचना को अपनी मुख्य हेडलाइन क्यों बनाएगा? इस समय तो भारत में कई लोग ऐसे हैं जो बड़ा-बड़ा दान कर रहे हैं, तो फिर आयरिश अखबार सिर्फ मो. साद को ही क्यों चुनता?

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"मरकज के जमातियों का टेस्ट हुआ, उसमें किसी को भी कोरोना वायरस नहीं पाया गया और मीडिया कह रही है कि कोरोना वायरस तबलीगी जमातियों ने फैलाया है। कैसे? समझ रहे हो आप?"

पुलिस जब खोज में उतरी तो निज़ामुद्दीन के मौलाना साद को याद आए डॉक्टर, कहा उनकी बात मानें लोग

नए ऑडियो में (जिसे आज ही अपलोड किया गया है, जबकि मौलाना पुलिस-प्रशासन से भागता फिर रहा है) मौलाना साद न केवल डॉ की हिदायत पर अमल करने के लिए कहता है, बल्कि उसे शरीयत के अनुकूल भी बताता है।

अभी मस्जिदों को आबाद करो, लॉकडाउन मुस्लिमो को डराने का, मिलने से रोकने की साजिश है: मरकज का मौलाना

"लॉकडाउन और कोरोना का खौफ फैलाना सिर्फ़ एक स्कीम है। ताकि एक मुस्लिम दूसरे मुस्लिम से न मिल सके। एक थाली में साथ न खा सके..."

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अब सवाल खड़ा होता है कि दिल्ली मजहबी सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद ये जो जमाती पूरे देश में फैले इन्होंने जागरूकता के नाते पहले अपनी जाँच क्यों नहीं कराई और जब ये लोग दूर क्षेत्रों की मस्जिदों में पहुँचे या वहाँ रुके भी तो इस दौरान वहाँ के स्थानीय लोगों ने इसके संबंध में पुलिस प्रशासन को क्यों अवगत नहीं कराया।

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दिल्ली पुलिस के बार-बार कहने पर भी मौलाना साद इमारत खाली करवाने को तैयार नहीं था। बाद में उसने केवल 167 लोगों को ही क्वारंटाइन किए जाने की अनुमति दी। लेकिन, जब डोभाल ने मोर्चा सॅंभाला तो वह पूरी इमारत खाली करवाने को तैयार हो गया।

ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती दरगाह में दुआ पढ़ने के लिए जुटी 100 लोगों की भीड़, पुलिस से झड़प के बाद लाठीचार्ज

पुलिस से वहाँ उपस्थित लोग झड़प करने लगे। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज कर के लोगों को वहाँ से भगाना पड़ा। जमालुद्दीन अंसारी, हुसैन ख़ान, सैयद नवाब कुरैशी, मोहम्मद मिराज शेख और अजहरुद्दीन शेख समेत अन्य लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है। इन सब पर राजस्थान एपिडेमिक डिजीजेज एक्ट लगाया गया है।

तबलीगी जमात का मुखिया मौलाना साद फरार, वायरल ऑडियो में कहा- मरने के लिए मस्जिद से अच्छी जगह नहीं

पुलिस ने मौलाना साद, डॉ जीशान, मुफ्ती शहजाद, मोहम्मद सैफी युनूस और मो सलमान के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने बताया कि संख्या ज्यादा होने के कारण जगह को खाली कराने में 5 दिन लगे। वहीं ये भी मालूम हुआ कि 28 मार्च को पुलिस द्वारा नोटिस मिलने के बाद से इस कार्यक्रम को आयोजित करने वालों में से एक मोहम्मद साद फरार है। पुलिस इनकी तलाश में जुटी है।

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