यह देखना दिलचस्प होगा कि सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े सूबे के लिए क्या राहुल या प्रियंका राफ़ेल पर 'बोफोर्स' से हमला करेंगे या कुतुब पर चढ़ 'आसमानी' बातें करेंगे?
SC ने एक वकील द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फ़ैसला सुनाया। इसके बाद अपनी सरकार द्वारा बनाए गए स्मारक और पार्क आदि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ख़ुद का बचाव कर रही है।
कवाला गाँव की घटना के बाद मुजफ़्फरनगर शहर और शामली में भी दो संप्रदाय के बीच दंगे हुए थे। इस दंगे में लगभग 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
योगी आदित्यनाथ ने 2013 में अखिलेश सरकार के दौरान हुए मुज़फ़्फ़रनगर दंगों से जुड़े जिन मुक़दमों को वापस लेने का निर्णय लिया है, उनमे कोई भी भाजपा नेता आरोपित नहीं है।
सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले देशहित और जनता की बात करते हैं! अखिलेश यादव जी आप किसी पर भी सवाल उठाने से पहले अपने कार्यकाल का समय आखिर क्यों भूल जाते हैं?