अर्बन नक्सलियों का साथ देने से लेकर तालिबान से संबंध होने तक के आरोप लग चुके होने के बावजूद Amnesty International सुधर नहीं रहा। अब वह कश्मीर के मुद्दे को भुनाने के चक्कर में कुछ नहीं बल्कि जिहाद का संरक्षण ही कर रहा है।
इंफोसिस फाउंडेशन का कहना है कि संगठन ने खुद गृह मंत्रालय से एफसीआरए पंजीकरण को रद्द करवाने के लिए ओवदन किया था। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की। इसके लिए वो मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं।