Wednesday, April 24, 2024
Homeविविध विषयअन्यInfosys फाउंडेशन का रद्द हुआ रजिस्ट्रेशन, पिछले कुछ सालों से नहीं दिया था वार्षिक...

Infosys फाउंडेशन का रद्द हुआ रजिस्ट्रेशन, पिछले कुछ सालों से नहीं दिया था वार्षिक ब्यौरा

पिछले कुछ सालों से विदेश से आने वाली अनुदान राशि के बारे में कोई भी जानकारी सरकार को नहीं दी गई थी। गृह मंत्रालय की तरफ से 2018 में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी...

गृह मंत्रालय ने बेंगलुरु स्थित गैर सरकारी संगठन इंफोसिस फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। एनजीओ इंफोसिस फाउंडेशन के खिलाफ विदेशी अनुदान प्राप्त करने में नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। दरअसल, विदेशों से सहायता लेने वाले सभी गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी योगदान अधिनियम (एफसीआरए) के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक होता है। सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन हैं।

एफसीआरए के दिशा-निर्देशों के अनुसार, रजिस्टर्ड संगठनों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के समाप्त होने के बाद 9 महीने के भीतर आय-व्यय विवरण, रसीदें और भुगतान खाता, बैलेंस शीट, आदि की स्कैन की गई प्रतियों के साथ ऑनलाइन वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। मगर इंफोसिस ने पिछले कुछ सालों से विदेश से आने वाली अनुदान राशि के बारे में कोई भी जानकारी सरकार को नहीं दी। इस संबंध में संगठन से कई बार जानकारी माँगी गई, लेकिन इंफोसिस की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। जिसके बाद गृह मंत्रालय की तरफ से 2018 में फाउंडेशन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी संगठन की तरफ से कोई जवाब ना आने के बाद ये फैसला लिया गया।

वहीं, इस बारे में इंफोसिस फाउंडेशन का कहना है कि संगठन ने खुद गृह मंत्रालय से एफसीआरए पंजीकरण को रद्द करवाने के लिए ओवदन किया था। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की। वर्ष 1996 से शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा, कला और संस्कृति आदि क्षेत्रों में काम कर रहे फाउंडेशन के जन संपर्क अधिकारी ऋषि बसु ने कहा कि 2016 में एफसीआरए में किए गए संशोधन के बाद उनका संगठन इस अधिनियम के दायरे में नहीं आता। ऋषि बसु ने कहा कि उन्होंने मंत्रालय से संपर्क कर इस पर विचार करने के लिए कहा था और उनका अनुरोध स्वीकार करने के लिए वो मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe