DRI पूछताछ में राज्य के प्रोटोकॉल अफसर बसावराज इब्ब्लूर ने बताया कि रान्या की पैरवी उसके पिता करते थे। उसके पिता DGP रामचंद्र राव के कहने पर ही प्रोटोकॉल सुविधाएँ दी जाती थीं।
रेस्टोरेंट में काम करने वाला कर्मचारी कन्नड़ भाषी व्यक्ति से कन्नड़ में बात कर रहा था, लेकिन फिर भी उस व्यक्ति का गुस्सा इसलिए बढ़ता गया क्योंकि रेस्टोरेंट पर ओड़िया में साइनबोर्ड लगा था।