महबूबा-अब्दुल्ला कहते हैं कि अमरनाथ यात्रा की वजह से कश्मीरियों को समस्या आ रही हैं, जबकि सच्चाई कुछ और ही है। असल में इस यात्रा की वजह से कश्मीर के कई लोगों का व्यापार चलता है और उन्हें इस यात्रा से रोज़गार मिलता है। नेताओं के बयानों से उलट, अमरनाथ यात्रा कश्मीरियों के लिए वरदान बन कर आती है।
जवाहिरी ने आतंकियों को यह हिदायत भी दी कि मस्जिदों व मुस्लिम बहुल स्थलों को निशाना न बनाएँ। ज़वाहिरी ने कहा कि पाकिस्तान जिहादियों का इस्तेमाल अपना राजनीतिक हित साधने के लिए करता है और बाद में धोखा दे देता है।
आसिया अंद्राबी के इस घर का इस्तेमाल आतंकी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की गतिविधियों के लिए किया गया। अब आसिया अंद्राबी अपने इस घर को तब तक नहीं बेच सकती है, जब तक इस पूरे मामले की जाँच खत्म न हो जाए।
वीडियो वायरल होने के बाद इस पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। लोगों का कहना है कि जब वह खुद यह कह रहे हैं कि वह पाकिस्तानी हैं तो उन्हें भारत में रहने का अधिकार नहीं, उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाए।
पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया था। हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ सामने आने के बाद भारतीय वायुसेना ने इस आतंकी संगठन के सबसे बड़े कैम्प को निशाना बनाया और सैंकड़ों आतंकी मार गिराए थे।
महबूबा मुफ़्ती ने अमरनाथ यात्रा के इंतजामों को कश्मीरी जनता के ख़िलाफ़ बताया। उमर अब्दुल्ला ने यात्रियों के लिए हाइवे बंद करने के आरोप लगाए। सांसद मसूदी ने कहा कि इससे राज्य की इकॉनमी पर ख़राब प्रभाव पड़ रहा। सांसद अकबर लोन ने कहा कि व्यापारियों को दिक्कतें आ रही हैं।
कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच 1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा चल रही है। यात्रा पर आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हमले की आशंका को देखते हुए बेहद कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए 40,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
शाह फैसल ने जिस प्रकार से बयान देकर अलगाववादियों का समर्थन करने की कोशिश की है। वह शर्मनाक है राज्य की शिक्षा व्यवस्था से लेकर चुनावों तक में खलल डालने वाले अलगाववादी नेता घाटी के लोगों को इन सबके ख़िलाफ़ भड़काते हैं, लेकिन अपने बच्चों को विदेश भेजकर उच्च शिक्षा सुनिश्चित करते हैं।
112 अलगाववादी नेताओं के 210 बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। अलगावादी ख़ुद के बच्चों के भविष्य को लेकर काफ़ी सजग हैं। 4 हुर्रियत नेताओं के 21 पुत्र, पुत्रियाँ, बहनें और बहुएँ अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, इरान, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान जैसे देशों में पढ़ाई कर रहे हैं।
ये घटना उत्तरी कश्मीर के हंदवारा स्थित वागत गाँव की है। शिक्षक ने बच्चे की इतनी पिटाई की कि वह ज़मीन पर लेट गया। इसके बाद उसने कुल्हाड़ी हाथ में लेकर उसे मारने की धमकी दी और डराया भी। अभी तक इसके पीछे के कारणों का पता नहीं चला है।