Tuesday, September 17, 2024

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देवबंद

दाढ़ी कटाना इस्लाम विरोधी.. नौकरी छोड़ देते, शरीयत में ये गुनाह है: SI इंतसार अली को देवबंदी उलेमा ने दिया ज्ञान

दारुल उलूम देवबंद के उलेमा का कहना है कि दरोगा को दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए थी चाहे तो वह नौकरी छोड़ देते। शरीयत के हिसाब से उन्होंने बहुत बड़ा जुर्म किया है।

‘दाढ़ी वाले सब-इंस्पेक्टर को जिस SP ने किया सस्पेंड, उसे निलंबित करो’ – UP और केंद्र सरकार से देवबंद की माँग

“हम उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार से इस बात की माँग करते हैं कि उस IPS अधिकारी को नौकरी में रहने का हक़ नहीं है।"

हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा पूर्व मंत्री रसीद मसूद के रस्म तेरहवीं कार्यक्रम पर भड़के देवबंद उलेमा, कहा- यह ‘हराम’ है

हिंदू समाज द्वारा मनाई गई पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रशीद मसूद की रस्म तेरहवीं में पूर्व विधायक इमरान मसूद व शाजाद मसूद सहित परिवार के अन्य सदस्यों के शामिल होने पर उलमा ने कड़ा एतराज जताया है।

जावेद अख्तर के लाउडस्पीकर पर अजान न देने के बयान पर भड़के देवबंदी उलेमा, कहा- इन्हें क्या परेशानी है

जावेद अख्तर जो माँग कर रहे हैं, यह पहले पहले भी होती आई है। देश के लोगों को इनपर ध्यान नहीं देना चाहिए। इससे किसी को कोई ऐतराज और परहेज नहीं होना चाहिए।

देवबंद: पठानपुरा में पुलिस पर पथराव, सभासद मजाहिर हसन और उसके बेटों समेत 50 के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

देवबंद के पठानपुरा में लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस पर पथराव किया गया। हमले में 1 होमगार्ड समेत 4 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

‘नया साल गैरों का त्योहार, मुस्लिम न मनाएँ खुशी वरना बनेंगे गुनहगार: देवबंद के उलेमा का फतवा’

इत्तेहाद उलेमा ए हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने कहा है कि आम तौर पर जनवरी को ही नए साल के रूप में मनाया जाता है। लेकिन इस्लामी नजरिए के एतबार से इस्लाम का नया साल मोहर्रम से शुरु होता है और इस्लाम के अंदर मोहर्रम को ही नया साल माना जाता है।

पटाखे फोड़ना है गैर-इस्लामिक, पटाखों का व्यवसाय करना है हराम: देवबंद से फतवा जारी

यह फतवा दिवाली से कुछ दिन पहले ही आया है। ताकि मुस्लिम हिन्दू त्यौहार में शिरकत करने से दूर रहें। लेकिन ये जानने वाली बात है कि पटाखे शब-ए-बारात में भी बहुत स्तर पर इस्तेमाल होते हैं।

महबूबा की ‘ट्विटर वाली बिकिनी’ पर भड़के देवबंदी उलेमा, बोले- इस्लाम नहीं देता ऐसे पहनावे की इजाज़त

महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर दारुल उलूम जकरिया के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ कासमी ने कहा कि यह महबूबा की अपनी सोच है। लेकिन मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का जरूरी है। बिकिनी या कोई और पहनावे की इस्लाम और शरीयत कतई इजाजत नहीं देता।

‘सासंद नुसरत सिंदूर-मंगलसूत्र पहने तो हराम, लेकिन हिन्दू महिलाओं का बुर्का उचित कैसे’

"अगर कोई मुस्लिम महिला हिंदू से शादी करती है और बिंदी, बिछिया, मंगलसूत्र पहनती है, तो मुस्लिम मौलवी उसे हराम कहते हैं। लेकिन कई मुस्लिम पुरुष हमारी हिंदू बेटियों को लव जिहाद के नाम पर फँसाते हैं और उनसे बुर्का पहनने को कहते हैं, तो यह हराम नहीं है। यह उनके लिए उचित है।”

दारुल उलूम देवबंद का फतवा: अब CCTV लगाना भी गैर इस्लामी

दारुल उलूम देवबंद की इफ्ता कमेटी से पूछा गया था कि लोग अपनी दुकान और मकान के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवा सकते हैं या नहीं। साथ ही यह भी पूछा गया था कि शरियत इस विषय के बारे में क्या कहती है। इसके जवाब में ही दारुल उलूम देवबंद ने बताया था कि...

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