उद्धव ने कहा है कि CAA और NRC दोनों अलग है। यदि CAA लागू होता है तो इसके लिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, पवार ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि एनसीपी इसके खिलाफ है।
"हिन्दुस्तान की हुकूमत ने नागरिकता संशोधन बिल वापस नहीं लिया तो गलियों में खून बह जाएगा। दंगे-फसाद हो जाएँगे। हम अल्लाह के बंदे हैं, जो कह देते हैं, वो हो जाता है।"
मोहम्मद शहंशाह और एस सौम्या ने निकाह के दौरान रस्में निभाने की बजाए सीएए और एनआरसी के विरोध की शपथ ली। शहंशाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसे ये निकाह तो कबूल है लेकिन सीएए कबूल नहीं है। कई प्रदर्शनकारी निकाह के दौरान मौजूद थे।
मैग्सेसे विजेता के साथ-साथ उनके 9 अन्य साथियों को भी पुलिस ले गई है, जो क्षेत्र में शांति भंग करने का प्रयास कर रहे थे। वे बिना अनुमति लखनऊ के घंटाघर से गोमती नगर तक मार्च भी निकालने वाले थे।
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि उनके पास पासपोर्ट, वोटर आईडी और आधार कार्ड जैसे जो कागज़ात हैं, वो उनकी नागरिकता साबित करने के लिए काफ़ी नहीं होंगे। सवाल ये उठता है कि नसीरुद्दीन से नागरिकता साबित करने को कहा किसने है?
लखीसराय के गाँधी मैदान में सभा करने पहुँचे कन्हैया कुमार को नारंगी शर्ट पहने एक युवक ने चप्पल फेंक कर मारा। चप्पल फेंक कर मारने वाले युवक का नाम चंदन कुमार है। पुलिस ने आरोपित युवक को कन्हैया समर्थकों की मार से बचाते हुए हिरासत में ले लिया।
शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया है। CAA विरोध के नाम पर दो महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शनकारियों ने रास्ता बंद कर रखा है।
जामिया हिंसा के विडियो में से एक चेहरा पहचान (सूत्रों के अनुसार) लिया गया है। जिस शख्स का चेहरा वायरल हुआ है, उसका नाम मो. अशरफ भट है। यह जामिया में PhD का स्टूटेंड है। लेकिन फिलहाल गायब है। ऑनलाइन-ऑफलाइन, कहीं भी इसकी कोई जानकारी नहीं है।
एडिटेड वीडियो को गिरोह विशेष ने वायरल किया। तथाकथित लिबरल पत्रकारों ने इस वीडियो के सहारे न सिर्फ़ दिल्ली पुलिस को क्रूर और अत्याचारी साबित करने का झूठा प्रयास किया, बल्कि जामिया नगर के दंगाइयों को भी पाक-साफ़ बताने की कोशिश की।
पीएम ने बीएचयू में एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया। 430 बेड वाला ये अस्पताल 21 महीनों में बन कर तैयार हुआ है। सीएए और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के फ़ैसलों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।