बांग्लादेश में जो स्थिति है उसके बाद 1975 का समय याद आता है जब बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीब-उर-रहमान को परिवार सहित सेना के बागी अधिकारियों ने मौत के घाट उतारा था।
बांग्लादेश में चल रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच 100 लोगों की मौत हो गई है। वहीं कई घायल हैं। इनमें कई पुलिसकर्मी भी हैं। हिंसक भीड़ ने मुल्क के 19 पुलिस थानों को निशाना बनाया।
बांग्लादेश के अलग-अलग हिस्सों में सिराजगंज में 18 की मौत, नरसिंगडी में 6, फेनी में 5, रंगपुर में 4, ढाका, मगुरा, पबना, किशोरगंज और बोगुरा में 3-3, मुंशीगंज और सिलहट में 2-2, बरिशाल, सावर और कुमिला में एक-एक लोगों की मौत हो गई है।
बांग्लादेश में जो आरक्षण विरोधी हिंसा और प्रदर्शन हुए थे, वो सिर्फ छात्रों का गुस्सा नहीं, बल्कि उनके गुस्से को इस्तेमाल करने वाले इस्लामिक आतंकवादी थे।