राम मंदिर को राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना और संकल्प का हिस्सा बता फूँकी गई उस रथ यात्रा के बिगुल को याद करने के लिए 8 नवंबर से बेहतर दिन नहीं हो सकता। आज आडवाणी 95 साल के हो गए हैं।
इसके अलावा 600 किलोग्राम वजनी एक और पीतल का घंटा एराल रामकृष्ण नादर बर्तन व्यापारी की दुकान पर तैयार की जा रही है। इसी तरह आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों से भी अयोध्या के राम मंदिर में घंटे लगाए जाएँगे।
एक एनजीओ जिसका नाम शायद ही किसी ने सुना हो वह रथ यात्रा के विरोध में बड़े वकील किसके दम पर खड़ा कर लेता है। क्या ये NGO नक्सलियों या फिर ईसाई मिशनरियों द्वारा बनाया गया है?