हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जिस तरह आरोपितों ने अपने सहयोगियों के साथ मिल कर दिन-दहाड़े सार्वजनिक स्थल पर भगवान राम के जीवन के घटनाक्रम से संबंधित ग्रन्थ का अपमान किया, उससे सामाजिक आक्रोश स्वाभाविक है।
कुम्भकर्ण ने रावण को देश-काल के विपरीत काम न करने की सलाह दी। सचिवों को सुनने की सलाह दी। रावण ने नहीं मानी। राहुल गाँधी कहते हैं - रावण कुम्भकर्ण की सुनता था।