Tuesday, November 19, 2024

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राम मंदिर

‘भगवान राम हमारे जीजा, बहन के घरवास के लिए वस्तुएँ लाए हैं’: श्रीराम के ससुराल से साजोसामान लेकर अयोध्या पहुँचा जत्था, कहा – खाली...

महिला ने कहा, कहा, "बहन के हिसाब से हमलोग आए हैं सारा सामान लेकर, गृह प्रवेश है तो घर खाली होगा। नया घर बन रहा है तो उसमें भरने के लिए सामान लेकर आए हैं।"

पूरे शरीर में धँस गए थे गोलियों के छर्रे, बेहोशी में भी कह रहे थे राम-राम: कारसेवक राम बहादुर वर्मा के बेटों ने कहा...

अयोध्या जाते समय राम बहादुर ने अपनी पत्नी से कहा था, "मैं शायद न लौट पाऊँ। बच्चों का ध्यान रखना।" नम आँखों से काली सहाय ने कहा, "मेरे पिता के लिए पत्नी और बच्चों से कहीं अधिक प्रिय प्रभु श्रीराम थे।"

30 साल से मौन हैं 85 साल की सरस्वती देवी, अब रामलला के चरणों में तोड़ेंगी व्रत: अयोध्या राम मंदिर के लिए साधना की...

सरस्वती देवी की उम्र 85 साल है। वे झारखंड के धनबाद में रहती हैं। करीब 30 साल से मौन व्रत में हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने यह संकल्प लिया था।

जिसने राम के अस्तित्व पर उठाए सवाल, पत्रकार ने उसके हाथों अवॉर्ड लेने से कर दिया इनकार: ‘जय श्री राम’ से गूँज उठा दर्शक...

पुरस्कार स्वीकार न करने के किरण शेलार के रुख का सभागार में मौजूद लोगों ने 'जय श्री राम' के नारे के साथ भव्य स्वागत किया। दर्शकों ने भी उन्हें अवॉर्ड से ज्यादा इस स्टैंड के लिए बधाई दी।

‘मुस्लिम नहीं देगा हर बार कुर्बानी’ : राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा से पहले ‘सेकुलर’ नेता लगा रहे कट्टरपंथ की आग, 22 जनवरी को लेकर फैला...

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जहाँ देश में खुशी का माहौल है। वहीं खुद को सेकुलर बताने वाले कट्टरपंथी नेताओं ने भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं।

रामकाज के लिए छोड़ी SBI की सरकारी नौकरी, कारसेवा में पहुँचे अयोध्या: राँची के वीरेंद्र विमल की कहानी, जब ट्रेन रोककर लोगों ने किया...

राँची के वीरेंद्र विमल ने राम काज के लिए भारतीय स्टेट बैंक की अपनी सरकारी नौकरी में राँची से बाहर पोस्टिंग नहीं ली और बाद में नौकरी छोड़ दी।

‘माँ मैं जा रहा, शायद अब न लौट पाऊँ’: यही बोल कर निकले अयोध्या, बूढ़े माँ-बाप को नहीं मिली लाश, धर्म प्रचार के लिए...

अयोध्या रामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के दौरान मुलायम पुलिस की गोलियों से बलिदान हुए भगवान सिंह जाट का शव फेंक दिया गया था सरयू नदी में?

बाबरी ढाँचा गिराने के लिए पढ़ा मारुति स्त्रोत… वानर आया और ढहा गया दीवार: मिलें 96 वर्ष की कारसेवक शालिनी दबीर से, जिन्हें छूकर...

शालिनी बताती हैं कि बहुत कोशिशों के बाद भी बाबरी की एक दीवार नहीं गिर रही थी तभी एक बंदर उस दीवार पर बैठा और सब कुछ धूल-धूल हो गया।

‘हमारा मुख्य उद्देश्य हिन्दू धर्म का प्रचार-प्रसार’: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर तिरुपति मंदिर से जाएँगे 1 लाख लड्डू, TTD ने कहा – ये सनातन...

TTD के एग्जीक्यूटिव अधिकारी AV धर्मा रेड्डी ने कहा कि संस्था का प्राथमिक उद्देश्य हिन्दू धर्म एवं इसकी संस्कृति व मूल्यों का प्रचार-प्रसार करना ही है, ऐसे में वो राम जन्मभूमि पूजा का हिस्सा बन कर सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं।

अयोध्या में कारसेवकों पर फेंका बम, हवा में कैच कर बचाई सैकड़ों जिंदगी… कहानी राम मंदिर के लिए 19 साल की उम्र में बलिदान...

6 दिसंबर 1992। वह दिन ​जब अयोध्या में विवादित ढाँचा ढहा था। वह दिन जब 19 साल के अविनाश माहेश्वरी राम मंदिर के लिए बलिदान हो गए।

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