अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, "हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह उन्हें ज़मीन और सुरक्षा मुहैया कराए। हम उनके भोजन और अन्य ज़रूरतों का ध्यान रखेंगे और सरकार पर बोझ नहीं आने देंगे।"
अजेंद्र अजय ने कहा कि सीएम धामी से साधु-संतों और जनप्रतिनिधियों ने अनुरोध किया था, ऐसे में वो धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित हुए, इसमें सरकारी पैसा नहीं लगा है ।
वैदिक ऋषियों की वेदोक्त समदृष्टि केवल उपदेश मात्र नही; अपितु यह उनका अनुभव जन्य साक्षात्कृत् ज्ञान है। जो सभी काल, स्थान, परिस्थिति में अनुकरणीय एवं अकाट्य हैं।
शंकराचार्य को गिरफ्तार करने तमिलनाडु पुलिस हवाई मार्ग से दूसरे राज्य पहुँच गई और उन्हें उठा लिया। तुरंत जेल भी भेज दिया गया। पटाखे उड़ा कर मनाया गया जश्न।
केरल में जन्मे शंकराचार्य ने बाल्यावस्था में ही गृह-त्याग कर के ओंकारेश्वर में शरण ली थी। मान्यता है कि वो 4 वर्षों तक यहाँ रहे थे। 12 वर्ष की उम्र में यहाँ से किया था प्रस्थान।