Saturday, July 27, 2024
124 कुल लेख

Guest Author

सांस्कृतिक जगत की महान उपलब्धि है ओंकारेश्वर का एकात्म धाम, ओंकार पर्वत पर आदि शंकराचार्य की विराट प्रतिमा ने लिया आकार

आदि शंकराचार्य ने संन्यास की जिस नई चेतना से समाज का दिशा-दर्शन किया, वह सामाजिक जीवन के सांस्कृतिक प्रवाह को अमर और अक्षय बनाने का नया विधान रचती है।

सनातन है तो भारत है, उसकी छाया में ही सब सुरक्षित हैं… जहाँ कम हुआ सनातन का प्रभाव वहाँ बँध गया सेकुलरिज्म का बोरिया-बिस्तर

सनातन भारतवर्ष का अपना धर्म है। उसके सिद्धान्त शाश्वत हैं और न केवल भारतवर्ष के लिए अपितु समस्त विश्व के कल्याण के लिए संकल्पित हैं।

जो उतरे थे मुर्दा लाशों को लड़ने का पाठ पढ़ाने… प्रेमचंद-दिनकर से लेकर भारतेन्दु-मैथिलीशरण तक, कलम से कुछ यूँ आज़ादी का अलख जगा रहे...

प्रेमचंद की 'रंगभूमि', 'कर्मभूमि' उपन्यास हो या भारतेंदु हरिश्चंद्र का 'भारत-दर्शन' नाटक या जयशंकर प्रसाद का 'चंद्रगुप्त'- सभी देशप्रेम की भावना से भरी पड़ी है।

स्कूलों में 60 लाख बच्चे बढ़े, 1.84 करोड़ मुफ्त पुस्तकें… दिव्यांग छात्रों से लेकर स्कूलों में सुविधाओं तक, 7 पॉइंट्स में समझें योगी सरकार...

सरकार ने अभ्युदय कोचिंग निःशुल्क प्रारम्भ की ताकि छात्र किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में अपनी बेहतर तैयारी कर सकें। 70,000 से अधिक ई-पेज का कंटेंट ऑनलाइन पोर्टल पर चढ़ाया जा चुका है।

रामराज्य की स्थापना में कंटक है इस्लामी कट्टरता, श्रीराम के कर्मपथ का अनुसरण कर ही मजहबी क्रूरता पर मिलेगी विजय

आत्मगौरव, स्वधर्म और स्वाभिमानपूर्ण तेजस्वी-यशस्वी जीवन की रक्षा श्रीराम के कर्मपथ का अनुसरण करके ही संभव है।

G20 के 10 देशों में प्रवास, भारतीय संस्कृति-दर्शन से कराया परिचित: विदेश से आकर माँ भारती की सेवा में लगे स्वामी विवेकानंद के कई...

स्वामीजी के अनुयायी भारत में आकर भारतीय हो गए। न कोई सेवा के नाम पर धर्मांतरण का छलावा न कोई मान-सम्मान की चाहत। उन्होंने निस्वार्थ भाव से माँ भारती की सेवा की।

माहवारी शुरू होते निकाह, व्यभिचारी मर्दों को छूट, बेटियों के अधिकार में भेदभाव… मजहबी आधार पर पर्सनल लॉ देश के लिए खतरा

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए समान नागरिक संहिता जरूरी है।

‘नेशनल कॉलेज’ और भगत सिंह के राजनीतिक गुरु: ‘पगड़ी सँभाल ओ जट्टा’ के पीछे की कहानी कहता है ‘क्रांतिदूत’ का 5वाँ भाग ‘बसंती चोला’

महाराजा रणजीत सिंह की सेना में भगत सिंह के पूर्वज खालसा सरदार थे। 'नेशनल कॉलेज' में गुलामी की ज़ंजीरें मुक्त करने के विचारों की शिक्षा दी जा रही थी।