"सचिन के साथ शैफ़ाली पढ़ती थी। उसने एक बार स्कूल में कह दिया, 'सचिन की माँ कितनी अजीब दिखती है।' अगले दिन मुझे स्कूल बुलाया गया। क्योंकि सचिन ने शैफ़ाली को सीने में मारा था और वो रो रही थी। सचिन ने बेझिझक बताया कि शैफ़ाली ने जो आपके बारे में कहा, इसलिए मारा।"
सोशल मीडिया पर लोग इस बात से नाराज़ दिखे कि आईसीसी ने बेन स्टोक्स को विश्व का सर्वकालिक महानतम क्रिकेटर बताया और सचिन तेंदुलकर को ट्रोल किया। एक यूजर ने आईसीसी को लिखा कि तुम सही हो क्योंकि सचिन तो क्रिकेटर हैं ही नहीं, वह तो क्रिकेट के भगवान हैं।
सचिन तेंदुलकर, हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले छठे भारतीय क्रिकेटर हैं। उनसे पहले आईसीसी ने क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी, वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव, दिग्गज सुनील गावसकर, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले को शामिल किया था।
इस ट्विटर हैंडल को संचालित करने वाले को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का विशेष सहायक बताया जा रहा है। यहाँ तक कि खुद पाकिस्तान मीडिया ही उस फोटो को सचिन तेंदुलकर की बता रही है इसी वजह से पाकिस्तान के लोग ही अब उन्हें ट्रोल करने लग गए हैं।
तेंदुलकर ने बताया कि कंपनी द्वारा उन्हें भुगतान न किए जाने पर उन्होंने भुगतान के लिए औपचारिक अनुरोध भी किया। लेकिन, जब कोई जवाब नहीं आया, तो उन्होंने समझौते को समाप्त कर दिया और कंपनी से अपने नाम व फ़ोटो के इस्तेमाल करने के लिए मना कर दिया।
गहलोत को अपनी कुर्सी जाने का भय सता रहा है। इसलिए वो पिछले 3 दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और लगातार कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। जबकि पायलट इन दिनों राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में घूम रहे हैं। किसानों के बीच खुले आसमान में खाट पर बैठकर...
“मुझे लगता है कि अगर सर्कल के अंदर तीन क्षेत्ररक्षक हैं तो अंपायर उन्हें कभी नहीं कहता कि आपको चौथा क्षेत्ररक्षक रिंग में लगाने की ज़रूरत है और अगर नो बॉल होती है और इसके लिए फ्री हिट है। इसलिए क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम को इसके लिए जुर्माना लगाया जाता है।"
मेरा किरदार मुंबई इंडियंस का मार्गदर्शन करने तक सीमित है। मैं मुंबईं इंडियंस के 'मैनेजमेंट', 'गवर्नेंस' या फिर 'एम्प्लॉयमेंट' में शामिल नहीं हूँ। मेरी भूमिका खिलाड़ियों ख़ासकर युवाओं को सिखाने, उनका मार्गदर्शन करने, अपनी अंतर्दृष्टि रखने और अपने अनुभव साझा करने तक सीमित है।
भारतीय क्रिकेट के द्रोणाचार्य कहे जाने वाले दिग्गज कोच रमाकांत अचरेकर का कल उनके मुंबई स्थित आवास में निधन हो गया। 87 वर्षीय आचरेकर काफी दिनों से व्हीलचेयर पर थे और उनकी तबियत भी ख़राब चल रही थी।