मृत शरीर के भी कुछ अधिकार होते हैं, सम्मानजनक अंतिम संस्कार के। दुर्भाग्य से, भारत देश में ये आतंकियों को तो सहज उपलब्ध है लेकिन बेचारे हिन्दुओं को नहीं।
नाइयों ने श्राद्ध के काम के लिए सामान ना होने का बहाना बनाया तो वहीं पुरोहितों ने मामला पुलिस के पास होने के चलते आने से मना किया। चंदन दास के परिजनों ने कहा कि असल वह डर है।