वीडियो में उपद्रवियों की भीड़ को मंदिर में प्रवेश करते हुए और मूर्ति को तोड़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में मौजूद शख्स बोलते हुए सुना जा सकता है, “हिंदुओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। वो लोग हमारे मंदिर में घुसकर मूर्तियों को तोड़ रहे हैं।”
उपद्रवियों ने पटना के एक मंदिर में तोड़-फोड़ और आगजनी की। क्यों? क्योंकि यह उग्र भीड़ मंदिर के पास से गुजर रही थी। स्थानीय निवासियों और पुलिस ने इन्हें आगे बढ़ने से मना किया। बस, इतनी सी बात पर उपद्रवियों ने मंदिर में तोड़-फोड़ करनी शुरू कर दी, फिर आगजनी भी की।
1991 के प्लेसेज़ ऑफ़ वर्शिप एक्ट के हिसाब से भी इस स्थल का 15 अगस्त, 1947 को मूल स्वरूप हिन्दू मंदिर ही था। इस धार्मिक स्वरूप की तस्दीक करने और ऐतिहासिक परिस्थितियों के साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से सर्वेक्षण कराया जाना जरूरी है।
पाकिस्तान से हर साल 5000 हिन्दू अपना घर-बार छोड़ कर भारत भाग आते हैं। वहाँ के 95% मंदिरों पर कब्ज़ा कर उनमें दुकानें चलाई जा रहीं। बांग्लादेश में 3000 से ज़्यादा हिन्दुओं का घर जला दिया गया। 1 करोड़ 40 लाख हिन्दू वहाँ हमेशा कट्टरपंथियों के निशाने पर। अफगानिस्तान में...
झारखंड में पलामू के विश्रामपुर में लक्ष्मी पूजन के बाद मूर्ति विसर्जन करने जा रहे लोगों को दर्जी मोहल्ले में मुस्लिमों की भीड़ द्वारा रोक दिया गया। जिससे दोनों पक्षों के बीच झड़प की नौबत आ गई। आस्था में पैदा हुए इस व्यवधान से हिन्दू पक्ष के लोगों में काफ़ी आक्रोश फैल गया.....
उत्तर प्रदेश, असम, अरुणाचल, पश्चिम बंगाल से लेकर बिहार तक। दुर्गा पूजा से लेकर दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन तक - पिछले 2 दिनों में ऐसी 8 घटनाएँ हुई हैं, जहाँ मूर्ति तोड़ने से लेकर उग्र भीड़ ने हिंदुओं को निशाना बनाया है।
सरकारबाड़ी मन्दिर कहने को गाँव के सरकार परिवार का है, लेकिन पिछले 300 सालों से सभी ग्रामीण सरकारबाड़ी मन्दिर के ‘दुर्गा पूजो’ में शरीक होते हैं। मंगलवार रात को पूजो खत्म होने के बाद मन्दिर का दरवाज़ा बंद किया गया था, लेकिन सुबह यहाँ की खिड़की टूटी मिली।
जुलाई के अंत में बिजनौर के पंचमुखी हनुमान मंदिर में दो युवक मूर्तियों को तोड़ने की कोशिश करते पकड़े गए थे। दोनों ने माथे पर टीका लगा रखा था ताकि किसी को उन पर शक न हो।
"घाटी में पिछले 20 सालों से कोई सिनेमा नहीं खुला हुआ है, इसलिए हम एक सिनेमा खोलने की भी सोच रहे हैं। हम उन स्कूलों, सिनेमाघरों और मंदिरों का सर्वेक्षण करवाएँगे जिन्हें बंद कर दिया गया है।"
इस हमले में कट्टरपंथी नेता मियाँ मिट्ठू का हाथ सामने आया था। उसने न सिर्फ़ मंदिर बल्कि स्कूल को भी नुक़सान पहुँचाया। मियाँ मिट्ठू के नेतृत्व में भीड़ ने पुलिस के सामने शिक्षक की पिटाई की, मंदिर में तोड़फोड़ और स्कूल को नुक़सान पहुँचाया।