NIA का दावा है कि भट के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से बेहद करीबी संबंध थे और उसने अपने अखबार में लिखने के लिए कई जिहादी पत्रकारों को भी नौकरी पर रखा हुआ है। उनमें से कुछ पत्रकार अब कथित रुप से कश्मीर के प्रेस क्लब के कार्यकारी सदस्य हैं।
अलगाववादियों ने यह बंद वर्ष 1931 में 13 जुलाई को श्रीनगर के डाउन टाउन इलाके में मारे गए करीब 22 लोगों के विरोध में किया है। अलगाववादी हर साल 13 जुलाई को शहीद दिवस के तौर पर मनाते हैं।
आसिया अंद्राबी के इस घर का इस्तेमाल आतंकी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की गतिविधियों के लिए किया गया। अब आसिया अंद्राबी अपने इस घर को तब तक नहीं बेच सकती है, जब तक इस पूरे मामले की जाँच खत्म न हो जाए।
वीडियो वायरल होने के बाद इस पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। लोगों का कहना है कि जब वह खुद यह कह रहे हैं कि वह पाकिस्तानी हैं तो उन्हें भारत में रहने का अधिकार नहीं, उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाए।
शाह फैसल ने जिस प्रकार से बयान देकर अलगाववादियों का समर्थन करने की कोशिश की है। वह शर्मनाक है राज्य की शिक्षा व्यवस्था से लेकर चुनावों तक में खलल डालने वाले अलगाववादी नेता घाटी के लोगों को इन सबके ख़िलाफ़ भड़काते हैं, लेकिन अपने बच्चों को विदेश भेजकर उच्च शिक्षा सुनिश्चित करते हैं।
112 अलगाववादी नेताओं के 210 बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। अलगावादी ख़ुद के बच्चों के भविष्य को लेकर काफ़ी सजग हैं। 4 हुर्रियत नेताओं के 21 पुत्र, पुत्रियाँ, बहनें और बहुएँ अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, इरान, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान जैसे देशों में पढ़ाई कर रहे हैं।
सत्यपाल मलिक ने हुर्रियत (एम) के अध्यक्ष मीरवाइज़ उमर फ़ारुक के ड्रग के ख़तरे पर बोलने के लिए उनका धन्यवाद दिया और कहा, “मुझे ख़ुशी है कि मीरवाइज़ उमर फारूक ने ड्रग के ख़िलाफ़ बोला है, यह एक बड़ा ख़तरा है। यह बात यहाँ के युवाओं में फैल रही है।
जम्मू-कश्मीर की अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी सहित गिरफ्तार अलगाववादी नेताओं ने 2017 के जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। आसिया अंद्राबी ने कबूल किया कि वो विदेशी स्रोतों से फंड लेती थी और इसके एवज में...
पाकिस्तान के आकाओं और "ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस" के नेताओं द्वारा हुर्रियत से जुड़े संगठनों के खातों में रुपए ट्रांसफर किए गए। एनआईए के पास इससे सम्बंधित सबूत हैं और इसे लेकर शब्बीर शाह से पूछताछ की गई। शब्बीर के जम्मू, श्रीनगर और अनंतनाग में भी व्यापार हैं।
अलगाववादी समूह की संस्थापक आसिया भारत से कश्मीर के अलगाव के लिए काम कर रही हैं। आसिया को राष्ट्र के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने के मामले में पिछले वर्ष जुलाई में गिरफ्तार भी किया जा चुका है।