याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने राजनीतिक दबाव में यह फैसला किया है। साथ ही इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित आरक्षण की 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन भी होता है। एसईबीसी आरक्षण कानून मराठा समुदाय को शिक्षा में 12 और नौकरी में 13 फीसदी आरक्षण प्रदान करता है। इस कानून के पास होने के बाद महाराष्ट्र में आरक्षण की सीमा बढ़कर 68 फीसदी हो गई है।
कोर्ट ने महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की वैधता को बरकरार रखते हुए कहा कि मराठा आरक्षण को 16% से घटाकर 12 या 13% करना चाहिए।
कैबिनेट की मंजूरी से, 158 केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों में 2019-20 शैक्षणिक सत्र के दौरान 2 लाख से अधिक अतिरिक्त सीटें बनाई जाएँगी, जबकि 2020-21 में 95,783 सीटें जोड़ी जाएँगी।
इस तरह के विवादित चित्र देखकर पता चलता है कि भीमराव अम्बेदकर को हम सबने कितने गलत तरीके से पढ़ा है। हमने उनके नाम पर समाज को सवर्ण और दलित के टकराव में झोंका है। हमने अम्बेदकर की गलत व्याख्या कर के पवित्र मानकों को अपमानित कर एक बड़े हिस्से को ठेस लगाकर हम बाबा साहब अम्बेदकर के दोषी बन चुके हैं।
ख़ुद केजरीवाल का जन्म हरियाणा स्थित भिवानी में हुआ। पढ़ाई के लिए वो पश्चिम बंगाल गए। नौकरी उन्होंने झारखण्ड के जमशेदपुर में की। समाज सेवा उन्होंने कोलकाता में की। राजनीति वो दिल्ली में कर रहे हैं। हाँ, इलाज कराने वो बंगलुरु जाते हैं। इसके लिए उन्हें किसी आरक्षण की ज़रूरत पड़ी क्या?
2019 में 26 साल बाद सरकार ने इन नियमों की समीक्षा के लिए कुछ विशेषज्ञों की समिति का गठन किया है। इस समिति का नेतृत्व भारत सरकार के पूर्व सचिव बीपी शर्मा द्वारा किया जाएगा।
चुनाव पूर्व घोषणापत्र में कॉन्ग्रेस ने प्रत्येक परिवार के एक बेरोज़गार युवा सदस्य को 3 वर्ष के लिए ₹10,000 मासिक बेरोज़गारी भत्ते के रूप में देने का वादा किया था। लेकिन, अब घोषणा के उलट 3 वर्ष की जगह 3 महीने के लिए और ₹10,000 की जगह ₹4,000 ही मिलेंगे।
मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर लगातार कह रहे हैं कि ज़रूरत पड़ी तो सरकार अध्यादेश लाकर 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम को रद्द कर देगी। 7 मार्च को मोदी सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक में इस पर अध्यादेश लाने पर मुहर लग सकती है।
जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में संशोधन के माध्यम से राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण वाले प्रावधान के भीतर नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले लोगों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को भी लाया गया है।