12 जुलाई 2019 को उनकी सुरक्षा के साथ एक भारी खिलवाड़ हुआ और उन्हें हाइड्रोजन साइनाइड दिया गया। इस जहर का असर इतना भयावह था कि उन्हें मिर्गी आई, उनकी यादश्त चली गई।
पैर नहीं होने के कारण व्योममित्र को हाफ ह्यूमनॉइड कहा जा रहा है। वह केवल आगे और बगल में झुक सकता है। वह अंतरिक्ष में कुछ परीक्षण करेगा और इसरो के कमांड सेंटर से संपर्क में रहेगा।
नए साल पर इसरो चीफ के. सिवन ने लक्ष्य और योजनाओं का खाका पेश किया। साथ ही बताया कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बहुत अच्छा काम कर रहा है। यह अभी अगले 7 साल तक काम करता रहेगा।
24 साल तक कानूनी लड़ाई के अलावा नाम्बी नारायणन की एक कहानी और भी है। कहानी राजनीति और साजिश वाली। उस कहानी के अनुसार पूर्व रॉ अधिकारी ने भारत के उप-राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी पर कई गंभीर आरोप लगाए। यह तब हुआ जब एक पत्रकार चिरंजीवी भट ने...
RISAT2-BR1 के पहले तक भारत को बादल घिर आने की स्थिति में ज़मीनी तस्वीरों के लिए कनाडाई उपग्रहों से मिली तस्वीरों पर निर्भर रहना पड़ता था। यह समस्या भारत की इस साल फरवरी में हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भी खड़ी हुई थी।
तस्वीर में नीले व हरे डॉट्स के माध्यम से चाँद की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त विक्रम लैंडर के मलबे को दिखाया गया है। हरे डॉट्स स्पेसक्राफ्ट के मलबे को प्रदर्शित करते हैं। ब्लू डॉट्स दिखाते हैं कि उस मलबे से वहाँ की ज़मीन पर क्या असर पड़ा।
2005 से अब तक इसरो ने 8 कॉर्टोसैट सैटेलाइट लॉन्च करने में सफलता प्राप्त की है। ये रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट होते हैं, जो अर्थ मैपिंग को बेहतर तरीके से अंजाम देते हैं।
चंद्रयान-2 मिशन की 98% सफलता और केवल विक्रम लैंडर की लैंडिंग के अंतिम चरण की नाकामी को लेकर देश के कुछ कथित अति-बुद्धिजीवियों ने ISRO का मज़ाक बनाया था। लॉन्च से पहले पूजा, कथित तौर पर ज्योतिषीय रूप से शुभ घड़ी में लॉन्च करना आदि को टारगेट कर...