Saturday, April 20, 2024
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकीइसरो का 50वाँ लॉन्च: ख़ुफ़िया सैटेलाइट कक्षा में, सेना को एयर स्ट्राइक में नहीं...

इसरो का 50वाँ लॉन्च: ख़ुफ़िया सैटेलाइट कक्षा में, सेना को एयर स्ट्राइक में नहीं होगी अब समस्या

यह लॉन्च इसरो का 50वाँ था। इस खास मौके पर इसरो के अध्यक्ष के शिवन ने एक किताब भी लॉन्च की, जिसमें पूर्वकाल की उपलब्धियों का ज़िक्र है।

हालिया समय में शायद भारत के बाकी सारे सरकारी संस्थानों को मिलाकर उतनी सफलताएँ नहीं हाथ नहीं लगी हैं, जितनी अकेले इसरो ने हासिल की हैं। एक के बाद एक नए मील के पत्थर गाड़ती भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने एक और सफलता हासिल करते हुए भारत की ख़ुफ़िया सैटेलाईट राईसैट-2बीआर1 को उसकी कक्षा में स्थापित किया है।

अंतरिक्ष, विज्ञान और तकनीकी व अपने कार्य में आम लोगों के बीच अभूतपूर्व रुचि और उत्साह को देखते हुए इसरो ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से लोगों के इस लॉन्च को लाइव देखने का भी प्रबंध किया हुआ था।

मीडिया की खबरों के अनुसार भारत की सैटेलाइट के अलावा इसरो के लॉन्च व्हीकल ने 9 विदेशी सैटेलाइटों को भी ‘लिफ़्ट’ देते हुए उन्हें उनकी कक्षा तक भेजा है। यह इसरो की सफलताओं की उस शृंखला में एक और मनका है, जिसके तहत इसरो दूसरे देशों (यहाँ तक कि कई बार विकसित देशों) के उपग्रहों को उनके देश के वैज्ञानिकों और स्पेस एजेंसियों से भी सस्ते और प्रभावी रूप से अंतरिक्ष में पहुँचा देता है।

इन 9 उपग्रहों में 6 केवल अमेरिका के हैं, जबकि एक-एक इटली और अपनी अभियांत्रिकी के लिए मशहूर जापान और इज़राइल के भी हैं। गौरतलब है कि अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा अंतरिक्ष अभियानों के क्षेत्र में दुनिया की अग्रणी मानी जाती है। लेकिन हाल के वर्षों में ऐसे अनेक मौके आए हैं, जब अमेरिका ने नासा की बजाय इसरो की सहायता से अपने उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे हैं।

यह लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट के लांचिंग सेंटर से हुई है। RISAT2-BR1 के पहले तक भारत को बादल घिर आने की स्थिति में ज़मीनी तस्वीरों के लिए कनाडाई उपग्रहों से मिली तस्वीरों पर निर्भर रहना पड़ता था क्योंकि युद्धक विमानों का वर्तमान बेड़ा इसमें सक्षम नहीं है। यह स्वीकार्य स्थिति नहीं है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सैन्य संबंधों में कोई स्थाई मित्र या शत्रु नहीं होता। अगर भारत को कल को ऐसे किसी देश से युद्ध करना पड़ जाए जिसके खिलाफ कनाडा सहायता न करना चाहे तो खराब मौसम में भारत के युद्धक विमान अंधे हो जाते।

यह समस्या भारत की इस साल फरवरी में हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भी खड़ी हुई थी।

यह लॉन्च इसरो का 50वाँ था। इस खास मौके पर इसरो के अध्यक्ष के शिवन ने एक किताब भी लॉन्च की, जिसमें पूर्वकाल की उपलब्धियों का ज़िक्र है।

तस्वीर फर्स्टपोस्ट से साभार
Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘PM मोदी की गारंटी पर देश को भरोसा, संविधान में बदलाव का कोई इरादा नहीं’: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- ‘सेक्युलर’ शब्द हटाने...

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने जीएसटी लागू की, 370 खत्म की, राममंदिर का उद्घाटन हुआ, ट्रिपल तलाक खत्म हुआ, वन रैंक वन पेंशन लागू की।

लोकसभा चुनाव 2024: पहले चरण में 60+ प्रतिशत मतदान, हिंसा के बीच सबसे अधिक 77.57% बंगाल में वोटिंग, 1625 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में...

पहले चरण के मतदान में राज्यों के हिसाब से 102 सीटों पर शाम 7 बजे तक कुल 60.03% मतदान हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश में 57.61 प्रतिशत, उत्तराखंड में 53.64 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe