कट्टरपंथी इस्लामी भीड़ द्वारा हिन्दू मंदिर तहस-नहस किए गए जाने वाली घटना पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारत ने इस घटना के प्रति कूटनीतिक माध्यमों से पाकिस्तान को नाराज़गी जाहिर की है।
घटना फ्रांस के बेलफोर्ट स्थित उत्तर पूर्वी शहर में हुई, जहाँ 20 साल के मुस्लिम युवक को सिर्फ इसलिए अपनी कौम की हिंसा का शिकार होना पड़ा क्योंकि वह एक क्रिसमस पार्टी में शामिल हुआ था।
30 वर्षीय डेनियल होर्टन ने यह बात स्वीकार की थी कि उसने 70 वर्षीय इमाम राफ़त मगलड पर चाकू से हमला किया था। यह घटना रीजेंट पार्क स्थित लंदन सेन्ट्रल मस्जिद में अंजाम दी गई थी।
यह वीडियो इंटरनेट पार काफी वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति को हथकड़ियाँ बाँध कर घसीटा जा रहा है और उसने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का मास्क पहन रखा है। वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि....
जिनके लिए शिया भी काफिर हो चुका हो, अहमदिया भी, उनके लिए ईसाई तो सबसे पहला दुश्मन सदियों से रहा है। ये तो वो युद्ध है जो ये बीच में हार गए थे, लेकिन कहा तो यही जाता है कि वो तब तक लड़ते रहेंगे जब तक जीतेंगे नहीं, चाहे सौ साल लगे या हजार।
क्लास के दौरान ही शिक्षक ने 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' के बारे में समझाते हुए 'शार्ली एब्दो' में प्रकाशित पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया। हत्यारा 'अल्लाहु अकबर' चिल्ला रहा था।
“मुझे ऐसा लगता है कि एक दिन अफग़ानिस्तान में शांति होगी, सब कुछ बेहतर होगा। ऐसा होने पर यहाँ रहने वाले सभी लोग वापस लौटेंगे। हिन्दू से लेकर सिख सभी इस ज़मीन की औलाद हैं, हम भी अफगान हैं।”