"क्या तू हमें एक केला देकर वोट हासिल करने की कोशिश कर रहा है? तेरी हिम्मत कैसे हुई यहाँ आने की? खुद देखें कि आम आदमी पार्टी के स्वयंसेवक प्रदर्शनकारी किसानों के साथ भिखारियों की तरह व्यवहार कर रहे हैं।”
आपको किसी ने जबरन तो नहीं कहा कि जियो का सिम ले लो और रिलायंस फ्रेश से ही सब्ज़ियाँ खरीदना? अडानी ने तो जबरदस्ती नहीं की आपके साथ? टाटा ने यह तो नहीं कहा कि मेरी कार नहीं लोगे तो मोदी को बता देंगे?
"मैं अपने किसान भाइयों से फिर कह रहा हूँ, बार-बार कह रहा हूँ कि उनकी हर समस्या के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है। किसानों का हित पहले दिन से सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।"
आज 'किसान आंदोलन' के बहाने दंगाइयों का समर्थन हो रहा है और खालिस्तानियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में हमें बारदोली सत्याग्रह को याद करने की ज़रूरत है।
वीडियो में एक चौथी कक्षा का बच्चा बैनर लिए बोलता नजर आ रहा है, जिसे देख मन में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या उस मासूम को इस बात की जानकारी भी है कि प्रदर्शन किस चीज को लेकर है?
अमूमन देखने को मिलता है कि 'आंदोलनों' के समर्थन में नौकरी छोड़ने वाले अफसर या तो करप्शन के आरोपित हैं या फिर कुछ दिन बाद उनका पॉलिटिकल एजेंडा सामने आ जाता है।