'ग्लोबल टाइम्स' द्वारा भारतीय रक्षा मंत्री की चीनी रक्षा मंत्री के साथ मुलाकात को लेकर प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है, जिसे 'द क्विंट' जैसे भारतीय प्रोपेगेंडा वेबसाइट द्वारा भी प्रकाशित किया गया है।
'चाऊ-माओ' के बीच अपने लिए वैश्विक छवि तलाश रहे नेहरू ने कभी सीमा पर हो रही सैनिकों की मौत को लेकर जुबान नहीं खोली। उन्हें यह स्वीकार करते दशक बीत गए कि सीमा पर कुछ चिंताजनक हो रहा है।
जनरल झाओ जोंगकी सोचता था कि चीन को USA और उससे जुड़े देशों के सामने कमजोर नहीं दिखाई पड़ना चाहिए। इसलिए वह इस हमले के जरिए भारत को सबक सिखाना चाहता था।
भारत ने 3488 किमी लंबी LAC पर माउंटेन फोर्स की तैनाती की है। माउंटेन फोर्स के जवान ऊँचाई वाले इलाके में गुरिल्ला युद्ध करने में खास तौर से निपुण होते हैं।