“आप काहे के पत्रकार हैं? पीएम मोदी ने इतना बड़ा काम कर दिया, आप लोगों पर असर नहीं है क्या? आप हिन्दुस्तानी हैं? क्या आप एक भारतीय हैं? भारतीय होने पर गर्व है? पत्रकारिता की बात मत करो। राष्ट्र की बात करो। अगर आपको नरेंद्र मोदी का काम नज़र नहीं आता तो आप हिन्दुस्तानी हैं ही नहीं।”
जम्मू-कश्मीर के अधिकांश लोग आर्टिकल 370 हटाए जाने की सराहना कर रहे हैं। लेकिन घाटी में मौजूद कुछ अराजक तत्व लगातार माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इन पर नकेल कसने के लिए सुरक्षा बल लगातार प्रयासरत है।
मायावती ने आगे कहा कि इस स्थिति में, कॉन्ग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लिए कश्मीर जाना और स्थिति का राजनीतिकरण करने का प्रयास करना उचित नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि पार्टियों को कश्मीर जाने से पहले थोड़ा इंतज़ार करना चाहिए।
इमरान के मंत्री बोले, "मोतीलाल नेहरू के परपोते, जवाहरलाल नेहरू के पोते, कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को उनके पूर्वजों के यहाँ नहीं जाने दिया गया। यह दिखाता है कि किस तरह आरएसएस और नाजी विचारधारा ने इंडिया पर कब्जा कर लिया है।"
क्या आपको 2011 में आयोजित भाजपा की एकता यात्रा याद है? अब्दुल्ला-कॉन्ग्रेस सरकार ने न सिर्फ़ अनंत कुमार, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को J&K में घुसने से रोका बल्कि गिरफ्तार भी करवा लिया था। आज तीनों दिग्गज हमारे बीच नहीं रहे। आइए इतिहास में चलें 8 वर्ष पीछे।
पाकिस्तानी मीडिया ने इंडिया टुडे पर मौसमी सिंह द्वारा पोस्ट किए गए उस क्लिप का इस्तेमाल करके यह दिखाने का झूठा प्रयास किया है कि कश्मीर में अत्यधिक बल का उपयोग किया जा रहा है।
पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गॉंधी और अन्य विपक्षी नेताओं के जम्मू-कश्मीर दौरे पर इकबाल अंसारी का दो टूक। कहा, “कॉन्ग्रेस अगर कश्मीर जाना चाहती है, तो जाए, लेकिन कश्मीर पर राजनीति न करे, क्योंकि कॉन्ग्रेसियों की राजनीति अब हिन्दुस्तान से खत्म होने वाली है और खत्म हो जाएगी।”
श्रीनगर के एक पूर्व आतंकी का कहना है कि अगर यह 1947 में हो गया होता तो आज शायद वो संसद या एसेंबली में होते। उन्होंने कहा कि ब्लैकमेल और मजहब की सियासत के कारण ही उनके जैसे कई युवाओं ने राह भटक कर बंदूक उठा ली और कुछ अब भी उठा रहे हैं।