जब सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश सुधारों का जोखिम उठा सकते हैं तो पूरी दुनियाँ को सभ्यता सिखाने वाले पश्चिमी देश अफगानिस्तान से आँखें मूँदकर कैसे भाग सकते हैं?
दरअसल जरंज, अफगानिस्तान और ईरान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है और देलाराम (Delaram) से जरंज तक सड़क निर्माण भारत द्वारा ही कराया गया था जिसके माध्यम से भारत की योजना अफगानिस्तान के गारलैंड हाइवे होते हुए हेरात, कांधार, काबुल और मजार-ए-शरीफ तक पहुँचने की थी।