Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयलौटा तालिबानी बर्बर सजा वाला दौर, TV देखने पर गोली, समलैंगिकों को पत्थर मार...

लौटा तालिबानी बर्बर सजा वाला दौर, TV देखने पर गोली, समलैंगिकों को पत्थर मार मौत: चोर की निकाली परेड, देखें VIDEO

तालिबान के राज में सबसे ज्यादा दुर्दशा महिलाओं की होती है। तालिबानी शासन में महिलाओं पर ऐसी होने वाली क्रूरता के बारे में सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएँगे। महिलाओं को बुर्का पहनना जरूरी है और बच्चियाँ स्कूल नहीं जा सकती हैं।

अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से निकलने के बाद तालिबान ने देश के 85 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र पर अपना कब्जा कर लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक ​तालिबान अफगानिस्तान की 18 प्रांतीय राजधानियों पर अपना कब्जा जमा चुका है और काबुल की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मीडिया में तालिबानी आतंकियों की क्रूरता की तुलना उसके पिछले शासनकाल से की जा रही है। ऐसे में तालिबानी आतंकी अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में पुराने शरिया कानून को फिर से लागू करना शुरू कर दिया है।

इन कानूनों में महिलाओं के साथ बर्बरता, चोरों और समलैंगिक लोगों को दर्दनाक सजा दी जाती है। स्मगलिंग और किडनैपिंग जैसे अपराधों में सबसे पहले अपराधी​ की उंगलियाँ काटी जाती हैं, इसके बाद हथेलियाँ, कोहनी और फिर बाजुओं तक को काटा जाता है। वहीं, समलैंगिक लोगों को पत्थर मार-मारकर मौत के घाट उतार दिया जाता है या फिर उन्हें 8-10 फीट की दीवार के पीछे खड़ा करके उन पर उस दीवार गिरा दी जाती है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन ने अपने पुराने कड़े नियमों को फिर से लागू करना शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान के हेरात पर कब्जा करने के बाद तालिबानी आतंकियों ने चोरी के आरोपितों के चेहरों को रंग कर उसके गले में फंदा डालकर शहर की गलियों में घुमाया है। अफगान पत्रकार बिलाल सरवे द्वारा शेयर की गई वीडियो में आप तालिबानी आतंकियों की बर्बरता को देख सकते हैं।

9/11 हमले को 20 साल पूरे होने वाले हैं। यानी करीब 20 साल बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना वापस जा रही है। अमेरिकी सैनिकों की लंबे समय के बाद अफगानिस्तान से वापसी के बाद तालिबानी आतंकवादियों ने देश के दो तिहाई हिस्से पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में हर पल अफगानिस्तान के लोगों को तालिबानी आतंकियों द्वारा की जाने वाली क्रूरता का भय सता रहा है। दरअसल, तालिबानी शासन में यह कोई नई बात नहीं है। इस तरह की सजा तालिबानी शासन में दी जाती रही है। पहले भी हत्या के दोषियों को सरेआम मौत के घाट उतार दिया जाता था।

तालिबान के राज में सबसे ज्यादा दुर्दशा महिलाओं की होती है। तालिबानी शासन में महिलाओं पर ऐसी होने वाली क्रूरता के बारे में सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएँगे। महिलाओं को बुर्का पहनना जरूरी है और बच्चियाँ स्कूल नहीं जा सकती हैं। 8 साल या उससे ऊपर की लड़कियाँ घर से बाहरी पुरुषों के साथ खुले में बात नहीं कर सकती हैं। महिलाओं के हाई हील्स पहनने पर पाबंदी है। लड़कियाँ या महिलाएँ बिना बुर्के के और बिना किसी पुरुष परिजन के बाहर नहीं जा सकती हैं। उन्हें खिड़की से बाहर झाँकने की भी आजादी नहीं होती है। तालिबान-राज वाले इलाकों में घरों के नीचे फ्लोर की खिड़कियाँ बंद कर दी जाती हैं और उन पर पेंट की मोटी परत चढ़ा दी जाती है।

इसके अलावा, तालिबानी अपने शासन में मनोरंजन सहित कई चीजों की इजाजत नहीं देता है। तालिबानियों के शासनकाल में टीवी देखना इस्लाम का अपमान माना जाता है। पुरुषों को हर समय दाढ़ी रखनी पड़ती है। संगीत सुनना भी गैर-इस्लामी माना जाता है और ऐसा करने वाले को क्रूर सजा दी जाती है।

पक्षियों को घर में रखने पर पाबंदी होती है। पक्षियों के साथ पाए जाने वाले को बर्बरता से मार दिया जाता है। तालिबान की सत्ता में पतंग उड़ाने, आपत्तिजनक साहित्य, इंटरनेट पर प्रतिबंध है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘ममता बनर्जी का ड्रामा स्क्रिप्टेड’: कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा – ‘दिल्ली में संत, लेकिन बंगाल में शैतान’

अधीर ने यह भी कहा कि चुनाव हो या न हो, बंगाल में जिस तरह की अराजकता का सामना करना पड़ रहा है, वो अभूतपूर्व है।

जैसा राजदीप सरदेसाई ने कहा, वैसा ममता बनर्जी ने किया… बीवी बनी सांसद तो ‘पत्रकारिता’ की आड़ में TMC के लिए बना रहे रणनीति?...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी भविष्यवाणी TMC सांसद सागरिका घोष के शौहर राजदीप सरदेसाई ने पहले ही कर दी थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -