इससे पहले दिल्ली सरकार ने इसी याचिका की तत्काल सुनवाई के लिए 13 सितंबर 2021 को उल्लेख किया था। उस दौरान सर्वोच्च अदालत इसे सूचीबद्ध करने को सहमत हो गई थी।
"पिछले साल, केजरीवाल सरकार ने 2.10 लाख रुपए प्रति माह वेतन और भत्तों का प्रस्ताव भेजा था जो कि 400 प्रतिशत की बढ़ोतरी है और इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है।"
ऐसा करने में विफल रहने पर क्या कार्रवाई की जाएगी यह नहीं बताया गया है। दिल्ली को एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को बाँटने के लिए हर महीने 36,000 टन चावल और गेहूँ मिलता है।
जस्टिस विपिन संघी और रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए भविष्य में दोबारा ऐसी लापरवाही न करने के निर्देश दिया। जिसके बाद कोर्ट की बात सुन दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत में माफी माँगी।
दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में भी सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया है। कोर्ट के आदेश के अनुसार दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति और उसकी दक्षता के ऑडिट के लिए एक ऑडिट समूह का गठन किया जाएगा।