काशी में रंगभरी एकादशी 358 वर्षों से अपने भव्यतम स्वरूप में निरंतर निभाई जा रही है। इसके पहले कहा जाता है कि मुग़लों के शासन में लम्बे समय तक यह परंपरा बाधित रही।
भारत की सांस्कृतिक विरासत यूँ ही इतनी विविधताओं से भरा नहीं है। इन सबके पीछे छिपा है जीवन का सनातन सिद्धांत। ऐसे में जानिए मकर संक्रांति के पीछे क्या है?
धनतेरस पर देशभर में लगभग 75,000 करोड़ रुपए की लगभग 15 टन सोने की बिक्री हुई। दुकान पर जाकर खरीदारी करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में भी 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।