निर्झरी सिन्हा यानी, प्रतीक सिन्हा की मम्मी ने इस तस्वीर के जरिए PM मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान का उपहास करने का प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ दिन से माँ-बेटों के षड्यंत्र को ज्यादा बल मिल नहीं पा रहा है।
"हाँ, हम छोटे हो सकते हैं, लेकिन झूठे या नकली नहीं। छल हमारी संस्कृति नहीं है। हम रोज़ चुनौतियाँ देते हैं।"- अंसिफ अशरफ़ (प्रबंध सम्पादक, ब्रिटिश हेराल्ड)
अब तो AltNews को कायदे से मेमे और अकबर-बीरबल के चुटकुलों के फैक्ट चेक करने के व्यवसाय में आ जाना चाहिए क्योंकि गंभीर और अतिसंवेदनशील मसले में अजेंडे के हिसाब से SSP स्तर के अफसरों के बयान को ट्विस्ट करके, फैक्ट चेक के नाम पर परोसना सर्वथा गलत है।
एक आतंकवादी संगठन के सरगना को अलगाववादी नेता कहना न केवल भ्रम फैलाने जैसा है, बल्कि आतंकवादियों द्वारा मानवता पर किए गए क्रूर अत्याचारों पर पर्दा डालने के भी समान है, जो किसी अपराध से कम नहीं।
इस मामले में कौन दोषी है, कौन दोषी नहीं है, यह पता करना पुलिस का काम है, न कि किसी फ़ैक्ट-चेक कंपनी का। AltNews के फ़ैक्ट चेक को देखकर लगता है कि वो टीवी पर आने वाले CID सीरियल को बहुत देखते हैं जहाँ वो ACP प्रद्युम्न और उनकी टीम से काफ़ी प्रेरित हैं।
आदरणीय(?) प्रतीक सिन्हा जी, इंटरव्यू ऐसे ही होता है- यही नियम है इंटरव्यू का कि कोई भी औड़म-बौड़म सवाल झटके में नहीं पूछा जा सकता। पत्रकारिता के समुदाय विशेष को “ब्रेकिंग न्यूज़” का माल मत परोसिए। यहाँ सबकी पोल-पट्टी खोली जाएगी।