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भारत के सोलर और वृक्षारोपण से धरती पर बढ़ी हरियाली, ट्रम्प अपना ठेंगा रख सकते हैं अपने पास
भारत आज पेड़ लगाने के मामले में विश्व के सभी रिकॉर्ड तोड़ रहा है। केवल 24 घंटों में ही भारत में 5 करोड़ पेड़ लगाए जाते हैं। हाल ही में NASA की रिसर्च और नेचर सस्टेनेबिलिटी में छपे लेख के अनुसार आज के समय की तस्वीर और 1990 के मध्य के समय की तस्वीर को साथ देखा गया
राष्ट्रगान के समय खड़े होने पर राजनीति शुरू… इस बार दक्षिण भारत से आई यह हवा
अभिनेता से नेता बने जन सेना प्रमुख पवन कल्याण ने उच्चतम न्यायालय के उस निर्देश पर सवाल खड़े किए हैं, जिसमें सिनेमा हॉल के अंदर राष्ट्रगान बजाने को अनिवार्य किया गया। पवन कल्याण को सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान पर खड़े होना पसंद नहीं है।
भारत के ‘गगनयान’ मिशन में सहयोग प्रदान करेगा अमरीका: बोले नासा के पूर्व अध्यक्ष
ISRO के अध्यक्ष (चेयरमैन) डॉ. के सिवन NASA के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडनस्टान के साथ बात कर रहे हैं।
बढ़ेगी नौसेना की क्षमता: भारत ने परमाणु क्षमता संपन्न पनडुब्बी के लिए रूस से किया समझौता
भारत ने गुरूवार को दस साल के लिए परमाणु क्षमता से संपन्न हमलावर पनडुब्बी पट्टे पर लेने के लिए रूस के साथ तीन अरब डॉलर का समझौता किया है।
तीसरी पीढ़ी की AK राइफलें बनेंगी अमेठी में, PM करेंगे 3 मार्च को प्लांट का उद्घाटन
इन राइफल्स के लिए पहली प्राथमिकता सेना को दी जाएगी, उसके बाद भारत के अन्य सुरक्षा बलों के लिए इसे उपलब्ध कराया जाएगाा और उसके बाद निर्यात पर गौर किया जाएगा।
पाकिस्तानी मीडिया की कवरेज में दिखा INDIA का खौफ़
पाकिस्तान मीडिया फिलहाल इस समय पर जोरो-शोरों से प्रमाण देने पर तुला हुआ है कि उसे शांति और अमन चाहिए... शायद पाकिस्तान इस बात को अच्छे से जानता है कि अब भारत किसी भी कीमत पर चुप नहीं रहने वाला है।
सोनू और कंगना का ‘सेकुलरों’ पर तंज: ‘विपक्ष वाले फ़र्ज़ी शोक न मनाएँ’, ‘उन्हें गधे पर बिठाकर थप्पड़ मारो’
फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा, “अब जो भी शांति और अहिंसा की बात करेगा उस पर कालिख पोत कर, गधे पर बैठा कर चौराहे पर खड़ा कर देना चाहिए ताकि जो भी आए थप्पड़ मार कर जाए।”
देसी वैलेंटाइन: भारत के वो मेले जहाँ लोग अपना जीवन साथी खुद चुनते हैं
भारत के कुछ भागों में प्राचीनकाल से ही आदिवासी समुदाय के लोग द्रौपदी के स्वयंवर से प्रेरित ऐसे आयोजन का हिस्सा बनते रहे हैं जहाँ लड़के-लड़कियाँ अपना जीवन साथी स्वयं चुनते हैं।
जब तक शेर अपनी कहानी खुद नहीं कहता शिकारी महान बना रहेगा
हज़ार वर्षों से हमलों के सामने प्रतिरोध की क्षमता ना छोड़ने वाले हिन्दुओं की कहानी लिखने वालों को पब्लिक कब ढूँढेगी?
हिन्दुओं की मौत में अख़लाक़ वाला सोफ़िस्टिकेशन नहीं है
क्या मार दिए गए किसी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए न्याय नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि उसका नाम अख़लाक़ नहीं बल्कि रामलिंगम है?