इस ट्वीट में सरफराज ने लिखा, "ये मस्जिद हमारा था और हमारा रहेगा। आज वो पावर में हैं तो मंदिर बना लिया। हम पावर में होंगे तो फिर से मस्जिद होगा। क्योंकि इतिहास रिपीट होता है।"
एर्दोगन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का रूपांतरण तुर्की के 'संप्रभु अधिकार' के भीतर ही था। हागिया के परिसर के अंदर 24 जुलाई को पहला नमाज पढ़ा जाएगा।
इस क़ानून के तहत, जो धार्मिक स्थल आज़ादी के समय जिस संप्रदाय का था वो आज और भविष्य में, भी उसी का रहेगा। जैसे किसी भी मस्जिद को मंदिर में नहीं बदला जा सकता है।