Friday, November 22, 2024

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महात्मा गाँधी

गाँधी को गोली मारने से गोडसे की देशभक्ति गायब हो जाती है? समय है इस पर खुली चर्चा का

देश के राइट विंग की यही समस्या है कि उसे दीर्घकालिक युद्ध भी लड़ना है, लेफ्ट विंग की स्वीकार्यता भी चाहिए और अपनी नैतिकता भी बचानी है। तुमने न तो संदर्भ देखा, न सुनवाई की, बस विरोधियों के जाल में उलझ कर तुमने साध्वी प्रज्ञा को एक लाइन में नकार दिया। यही सब करना था तो उसे चुनाव क्यों लड़वाया?

महात्मा गाँधी के नाम पर रखें मेडिकल कॉलेज का नाम, कॉन्ग्रेसी मंत्री ने कहा- जुबान बंद कर

मध्य प्रदेश के शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज के नामकरण को लेकर विवाद। माधवराव सिंधिया की बजाय महात्मा गॉंधी नाम रखने का बीजेपी विधायक ने दिया था सुझाव। सुनकर भड़के कमलनाथ के मंत्री।

‘दुर्घटना’ में हुई महात्मा गाँधी की मौत: ओडिशा के सरकारी बुकलेट में दावा, नवीन पटनायक से माफी की माँग

सरकार ने बच्चों को गुमराह करने की यह ‘कोशिश जानबूझकर’ की है। उन्होंने कहा, ‘‘चालाकी से असत्य बताया गया है। मुख्यमंत्री को इस बड़ी भूल के लिए माफी माँगनी चाहिए।’’

84 के उलट 48 में भी हुआ था एक दंगा, कॉन्ग्रेसी नेताओं ने कराया था ब्राह्मणों का नरसंहार

याद रहे कि 84 के उलट 48 में भी एक दंगा हुआ था, कॉन्ग्रेसियों ने ही कराया था। इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद जो हुआ, वो लगभग सबको याद है लेकिन 1948 को भी याद रखना जरूरी है, ताकि कॉन्ग्रेस के असली DNA को पहचाने सकें।

गुजरात प्रश्नपत्र विवाद: गाँधी की बीड़ी, आत्महत्या की कोशिश और धतूरे की कहानी

"हमें दुख इस बात का था कि बड़ों की आज्ञा के बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते। हम उब गये। हमने आत्महत्या करने का फैसला कर किया। पर आत्महत्या कैसे करें? जहर कौन दे? हमने सुना कि धतूरे के बीज खाने से मृत्यु हो जाती है....."

मन्दिर के पुजारियों से 6-6 पन्नों पर लिखवाया ‘राष्ट्रद्रोही’: क्या पागल हो गई है ‘गौभक्त कमलनाथ’ की पुलिस?

यह विडम्बना की ही बात है कि जिन मोहनदास करमचन्द गाँधी की तस्वीर पर ‘राष्ट्रद्रोही’ लिखने का आरोप लगाकर पुजारियों का उत्पीड़न हो रहा है, उन्हीं की तरह पुजारियों को अनशन भी करना पड़ रहा है। जब पुजारियों ने खाना-पीना छोड़ दिया तो...

चोरी हुई महात्मा गाँधी की चिता की राख, चोरों ने बापू के पोस्टर पर लिखा- ‘राष्ट्रदोही’

महात्मा गाँधी के 150वें जन्मदिवस के मौके पर जब नेतागण श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पहुँचे, तो उन्होंने पाया कि वहाँ रखी गई गाँधी से जुड़ी चीजें गायब थीं और गाँधी के पोस्टर पर काले स्केच से लिखा गया था- 'राष्ट्रदोही'।

आज के गोडसे गाँधी के हिन्दुस्तान को ख़त्म कर रहे, गोडसे के बेटों को हराओ: ओवैसी

इससे पहले विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा था, “मुझे यकीन है कि एक दिन मुझे कोई गोली भी मार देगा। मुझे यकीन है कि गोडसे की जो औलाद है वो मुझे ऐसा कर सकते हैं। हमारे मुल्क में अभी भी गोडसे की औलाद हैं।”

मुस्लिमों के लिए दीमक जैसा शब्द प्रयोग होता है, तो क्या यह गाँधी का भारत है या गोडसे का: महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, "हैरानी है, आप वैश्विक मंच पर बापू को याद करते हैं लेकिन घर वापस आकर उनके हत्यारों की प्रशंसा करते हैं।"

‘अगर महात्मा गाँधी आज होते तो वे भी RSS का हिस्सा होते’

"महात्मा गाँधी सिर्फ़ स्वतंत्रता की ही लड़ाई नहीं लड़ रहे थे बल्कि भारतीय सभ्यता के मूल तत्व को आधार बनाकर पश्चिमी सभ्यता की राक्षसी प्रकृति जिसमें दमन, अमानवीयता, संसाधनों की लूट, विस्तारवाद, ताक़तवर होने का अहम, व्यक्तिवाद और ‘हम और तुम’ की खाई अंतर्निहित है, को भी चुनौती दे रहे थे।"

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