Saturday, July 27, 2024
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‘दुर्घटना’ में हुई महात्मा गाँधी की मौत: ओडिशा के सरकारी बुकलेट में दावा, नवीन पटनायक से माफी की माँग

इस बुकलेट में लिखा गया है, “गाँधी का दिल्ली के बिड़ला हाउस में 30 जनवरी 1948 को अचानक हुए घटनाक्रम में दुर्घटना के चलते निधन हो गया।” इस बुकलेट को राज्य सरकार के स्कूलों और राज्य सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों में वितरित करने के लिए प्रकाशित किया गया था....

ओडिशा में एक सरकारी बुकलेट में दावा किया गया है कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की मृत्यु ‘दुर्घटना’ के चलते हुई। जिसके बाद इसे लेकर राज्य में विवाद छिड़ गया है। राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से माफी माँगने और इस बड़ी भूल को तत्काल सुधारने के लिए कहा है। महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती पर प्रकाशित दो पेजों की बुकलेट ‘आमा बापूजी: एका झलक’ (हमारे बापूजी: एक झलक) में उनकी शिक्षाओं, उनके कार्यों और ओडिशा से उनके जुड़ाव की संक्षिप्त जानकारी दी गई है।

साथ ही इस बुकलेट में लिखा गया है, “गाँधी का दिल्ली के बिड़ला हाउस में 30 जनवरी 1948 को अचानक हुए घटनाक्रम में दुर्घटना के चलते निधन हो गया।” इस बुकलेट को राज्य सरकार के स्कूलों और राज्य सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों में वितरित करने के लिए प्रकाशित किया गया था। बुकलेट पर मचे बवाल के बीच बीजेडी सरकार ने यह पता लगाने के लिए जाँच का आदेश दिया है कि स्कूल और जन शिक्षा विभाग ने ऐसी जानकारी प्रकाशित क्यों की। 

कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरसिंह मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते नवीन पटनायक को बुकलेट में प्रकाशित गलत सूचना के लिए माफी माँगनी चाहिए। उन्होंने इस गलती को अक्षम्य बताया। कॉन्ग्रेस विधायक दल के नेता ने कहा, “पटनायक को इस बड़ी भूल की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, माफी माँगनी चाहिए और बुकलेट तत्काल वापस लेने के लिए निर्देश जारी करने चाहिए।” 

मिश्रा ने बीजेडी सरकार पर गाँधी से नफरत करने वालों का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बच्चों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि महात्मा गाँधी की हत्या किसने की और किन परिस्थितियों में की गई। उन्होंने आगे कहा, “राष्ट्रपिता से नफरत करने वालों को खुश करने के लिए उनके निधन की जानकारी इस प्रकार दी गई।”

इसके साथ ही सीपीएम के राज्य सचिव आशीष कानूनगो ने भी आरोप लगाया कि यह कदम इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने और सच को छुपाने के लिए राज्य के रचे षड्यंत्र का हिस्सा है। कानूनगो ने कहा, “हर कोई जानता है कि नाथूराम गोडसे ने गाँधीजी की हत्या की। जिसके बाद उसे पकड़ा गया, उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया और मौत की सजा सुनाई गई। बच्चों को सच बताया जाना चाहिए और बुकलेट को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।”

माकपा नेता जनार्दन पति ने भी कहा कि सरकार ने बच्चों को गुमराह करने की यह ‘कोशिश जानबूझकर’ की है। उन्होंने कहा, ‘‘चालाकी से असत्य बताया गया है। मुख्यमंत्री को इस बड़ी भूल के लिए माफी माँगनी चाहिए।’’

जाने माने शिक्षाविद प्रोफेसर मनोरंजन मोहंती ने सरकारी प्रकाशन में गलत तथ्य पेश करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की माँग की। साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्ल सामंतारा ने दावा किया कि ‘‘गोडसे से सहानुभूति रखने वालों ने लेखक एवं प्रकाशक को प्रभावित किया होगा’’। उन्होंने सही जानकारी प्रकाशित कर संशोधित पुस्तिका छात्रों में पुन: वितरित करने पर जोर दिया।

इस बीच राज्य स्कूल और जन शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने कहा कि मामले की जाँच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इस कृत्य के लिए जिम्मेदार पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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