Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीतिमुस्लिमों के लिए दीमक जैसा शब्द प्रयोग होता है, तो क्या यह गाँधी का...

मुस्लिमों के लिए दीमक जैसा शब्द प्रयोग होता है, तो क्या यह गाँधी का भारत है या गोडसे का: महबूबा मुफ्ती

"जब हम गाँधीजी की जयन्ती मनातें हैं, तो हमें स्वयं से ये सवाल करना चाहिए कि हम उनके भारत के प्रति न्याय, मानवीय मूल्यों, सत्य और अहिंसा के विचारों के प्रति वचनबद्ध हैं।

महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसने का प्रयास किया। उन्होंने महात्मा गाँधी पर नरेंद्र मोदी द्वारा लिखे लेख को आधार बनाकर हैरानी जताते हुए कहा कि आप वैश्विक मंच पर बापू को याद करते हैं, लेकिन घर आकर उनके हत्यारों की प्रशंसा करते हैं।

गौरतलब है कि आज राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150 वीं जयन्ती पर अमेरिका के डेली अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने नरेंद्र मोदी का एक लेख छपा है। जिसमें प्रधानमंत्री ने लिखा, “महात्मा गांधी में समाज में बड़े विरोधाभासों के बीच एक जरिया बनने की अनोखी क्षमता थी।”

जिसे री-ट्वीट करते हुए महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “हैरानी है, आप वैश्विक मंच पर बापू को याद करते हैं लेकिन घर वापस आकर उनके हत्यारों की प्रशंसा करते हैं।”

इसके अलावा महबूबा मुफ्ती अपने ट्वीट से लिखती हैं कि जब हम गाँधीजी की जयन्ती मनातें हैं, तो हमें स्वयं से ये सवाल करना चाहिए कि हम उनके भारत के प्रति न्याय, मानवीय मूल्यों, सत्य और अहिंसा के विचारों के प्रति वचनबद्ध हैं। ऐसे समय में जब मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों के लिए एक दीमक जैसा शब्द प्रयोग होता है, तो क्या यह गाँधी का भारत है या गोडसे का?

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद बताया जा रहा है कि महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है और उनका सोशल मीडिया अकॉउंट उनकी बेटी इल्तिजा द्वारा संचालित किया जा रहा है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इंदिरा गाँधी की 100% प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिलवाने के लिए राजीव गाँधी सरकार ने खत्म करवाया था ‘विरासत कर’… वरना सरकारी खजाने में...

विरासत कर देश में तीन दशकों तक था... मगर जब इंदिरा गाँधी की संपत्ति का हिस्सा बँटने की बारी आई तो इसे राजीव गाँधी सरकार में खत्म कर दिया गया।

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe