ये पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की पिछले एक दशक में 17वीं बैठक होगी। भारत ने इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अपना ये स्टैंड कायम रखा है कि युद्धक्षेत्र में समाधान नहीं निकलेगा।
परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग बढ़ाने के प्रयासों के तहत रूस कुडनकुलम में परमाणु ऊर्जा परियोजना के अलावा, एक नई साइट पर उच्च क्षमता वाली परमाणु ऊर्जा इकाइयों के निर्माण में भारत की मदद करने के लिए तैयार है।