पेरिस के उपनगरीय इलाके से बाहर निकाले जा रहे अधिकतर लोग गरीब मुल्कों से बेहतर जीवन की आस में फ्रांस में रह रहे हैं, लेकिन अब उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
उन्होंने आगे कहा, "ये मोदी सरकार का कानून है, जिसे कोई बदल नहीं सकता। वो (ममता बनर्जी) रोहिंग्याओं का रेड कारपेट बिछाकर स्वागत करती हैं, और असली शरणार्थियों को मिसलीड करती हैं। बंगाल में आए सभी शरणार्थियों को बिना डर के नागरिकता के लिए आवेदन करना चाहिए।"
वो सीरिया से आए, इंग्लैंड में बस गए। मासूम बच्ची को जाल में फंसाया, रेप करते रहे। 'हर बार बुलाने पर आना पड़ेगा, वर्ना जान से मार देंगे' जैसी धमकियाँ देते रहे।
"जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं, वे शरणार्थी शिविरों की बात क्यों नहीं कर रहे हैं। जो मानवाधिकार की बातें नहीं करते हैं वे ही सीएए के विरोध की बातें कर रहे हैं। शरणार्थी शिविरों को देखना अति कष्टदायी है। यह आँखों में आँसू ला देगा।"