पूजा या यज्ञ कर के बारिश लाना एक सफल तरीका है या यह असफल है, इस बात की जाँच करना अदालत का काम नहीं है। अदालत ने कहा कि वह हजारों-लाखों लोगों की आस्था तोड़ने का काम नहीं कर सकती। अदालत ने कहा कि सामान्यतः उसने ख़ुद को धार्मिक क्रियाकलापों और आस्थाओं में हस्तक्षेप करने से दूर ही रखा है।
"अगर वाड्रा को ज़मानत दी गई, तो वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं क्योंकि वह एक ‘प्रभावशाली व्यक्ति’ हैं। गिरफ़्तारी से छूट मिलने पर कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर हो रही जाँच को नुक़सान हो सकता है, जिसमें अवैध सम्पत्ति का सटीक स्रोत और..."
"इसमें कोई विवाद नहीं है कि आरोपित के साथ शादी के समय वह नाबालिग थी लेकिन अब वह बालिग हो गई है और उसने आरोपित व्यक्ति के साथ रहने की इच्छा जताई है।" अपने आदेश में बॉम्बे हाई कोर्ट ने यही कहते हुए दोनों की शादी को भी वैध करार दिया।
टिक टॉक ने अपने बचाव में कहा कि उसे ‘अश्लील और अनुचित सामग्री’ के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है, जो प्लेटफ़ॉर्म पर थर्ड-पार्टीज अपलोड करती है। टिक टॉक ने इस आदेश को भेदभावपूर्ण और मनमाना बताया है।
क़रीब 1 घंटे तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने जगमोहन सिंह को आदेश देते हुए कहा कि अगले आदेश तक वो अपनी माँ हरबंस कौर के मकान में केवल एक कमरे में रह सकता है और इसके लिए 1500 रुपए बतौर किराया भी देना होगा।
अल्पसंख्यक समुदायों और उनसे संबंधित धर्मों (इस्लाम या ईसाई धर्म) की आलोचना पर सरकार हमेशा से कड़े रुख अपनाती रही है। जबकि हिंदू धर्म की आलोचना 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' के तहत स्वीकार्य मानी जाती रही है। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद शायद यह मान्यता टूटेगी!
आशुतोष कुमार रॉय ने कहा है कि प्रोफेसर ने मनमाने तरीके से उनके रिसर्च के पाठ्यक्रम को बदलने के लिए सुझाव दिया था। उन्होंने हिंदी को सांप्रदायिक भाषा बताने पर रिसर्च करने और इसका समर्थन करने को दबाव बनाया था।
जेएनयू राष्ट्र विरोधी नारेबाज़ी के मामले में मामले 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के सदस्यों के ख़िलाफ़ दायर की गई दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर होने वाली सुनवाई एक बार फिर 28 फ़रवरी तक के लिए टल गई है।