Friday, April 19, 2024
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14 साल की लड़की, 52 साल का वकील: दोनों की शादी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठहराया वैध

इससे पहले नाबालिग ने आरोप लगाया था कि उसके दादा-दादी ने उसे शादी करने के लिए मज़बूर किया था। उसने अपने पति पर शारीरिक उत्पीड़न का आरोप भी लगाया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 52 वर्षीय एक वकील से 14 वर्ष की नाबालिग से हुई शादी को वैध ठहराया है। ये शादी 4 वर्ष पूर्व हुई थी और नाबालिग लड़की अब 18 वर्ष की हो चुकी है। लड़की ने 18 वर्ष की हो जाने के बाद उक्त वकील के साथ रहने की इच्छा जताई, जिसके बाद यह निर्णय दिया गया। जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने उक्त वकील की याचिका पर सुनवाई के बाद पिछले सप्ताह यह निर्णय लिया। शिकायतकर्ता (जो अब 18 वर्ष की है) ने आरोप लगाया था कि उसके दादा-दादी ने उसे शादी करने के लिए मज़बूर किया था। वकील 10 महीने तक न्यायिक हिरासत में भी रहा था। उस पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था।

17 सितम्बर 2018 को लड़की 18 वर्ष की हो गई थी, अर्थात क़ानूनी तौर पर बालिग हो गई। इसके बाद वकील ने हाईकोर्ट का रुख कर मामले को रद्द करने की माँग की। गत सप्ताह महिला ने भी एक हलफनामा दायर कर कोर्ट से मामले को रद्द करने को कहा और बताया कि वह अपने पति के साथ ही रहना चाहती है। उसने कहा कि मामले को रद्द किए जाने से उसे कोई आपत्ति नहीं है और विवाद सुलझा लिया गया है। अतिरिक्त सरकारी अभियोजक अरुण कुमार पाई ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस तरह से मामले को रद्द करने से ग़लत उदाहरण पेश होगा और व्यापक पैमाने पर जनता के बीच एक ग़लत प्रकार का संदेश जाएगा।

2 मई को दिए गए आदेश में पीठ ने कहा कि उसे महिला के भले-बुरे की चिंता है। अदालत ने अपने आदेश में आगे कहा, “इसमें कोई विवाद नहीं है कि आरोपित के साथ शादी के समय वह नाबालिग थी लेकिन अब वह बालिग हो गई है और उसने आरोपी व्यक्ति के साथ रहने की इच्छा जताई है।” इसके बाद दोनों की शादी को भी अदालत ने वैध करार दिया।

2017 में उक्त वकील को पॉक्सो ऐक्ट के तहत 14 साल की लड़की से शादी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। तब वकील की नाबालिग (17 वर्षीय) पत्नी ने उस पर शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पुलिस के अनुसार, सांगली में रहने वाले लड़की के बुजुर्ग माता-पिता अपनी मौत से पहले बेटी की शादी होते देखना चाहते थे और उसी वक्त आरोपी वकील की पहली पत्नी की भी मौत हुई थी। इसके बाद सहमति से दोनों शादी के लिए राजी हो गए थे। आरोपित पर बाल विवाह से जुड़े ऐक्ट, पॉक्सो और रेप संबंधी आईपीसी की धारा लगाकर मामला दर्ज किया गया था। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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