Sunday, December 22, 2024

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कठुआ केस में कोर्ट से पहले ‘अपना’ फैसला सुनाने वाले AltNews का प्रोपेगंडा हुआ धराशाई

स्व-घोषित फ़ैक्ट-चेकर वेबसाइट AltNews के सह-संस्थापक, जिसने हाल ही में अलीगढ़ में तीन साल की टीना (बदला हुआ नाम) की हत्या और संभावित बलात्कार के एक प्रमुख आरोपित असलम के अपराधों पर पर्दा डाला था, उसने ऑपइंडिया की रिपोर्ट को ख़ारिज और बदनाम करने का काम किया।

AltNews ने किया अंतरराष्ट्रीय फैक्ट चेकिंग नेटवर्क के मानदंडों का गंभीर उल्लंघन

नियम यह भी है कि फैक्ट चेकिंग संस्था किसी भी चुनाव में किसी भी कैंडिडेट का सपोर्ट नहीं करेगी और न ही किसी अन्य संस्था, पार्टी का पक्ष लेगी जब तक कि उसका सम्बन्ध सीधे-सीधे किसी फैक्ट चेक से नहीं है।

जब AltNews ने 3 वर्षीय बच्ची की निर्मम हत्या के आरोपित ज़ाहिद, असलम के पापों को धोने की कोशिश की

अरुंधति राय द्वारा वित्तपोषित AltNews के संस्थापक प्रतीक सिन्हा क्या बिलकुल ही दिमाग से पैदल है या पूरी तरह सेंसलेस और संवेदनहीन है कि यदि कोई डेड बॉडी को भी बाहर सड़ने या जानवरों के खाने के लिए फेंक दे तो यह बर्बरता भी उसकी क्रूर और घृणित मानसिकता का स्पष्ट दस्तावेज नहीं कहा जा सकता?

AltNews वालो, ज़ाकिर मूसा ‘अलगाववादी’ नहीं, आतंकी था जो इस्लामी ख़िलाफ़त चाहता था

एक आतंकवादी संगठन के सरगना को अलगाववादी नेता कहना न केवल भ्रम फैलाने जैसा है, बल्कि आतंकवादियों द्वारा मानवता पर किए गए क्रूर अत्याचारों पर पर्दा डालने के भी समान है, जो किसी अपराध से कम नहीं।

फ़ैक्ट-चेक के नाम पर विद्यासागर कॉलेज की हिंसा पर AltNews ने फैलाया झूठ

इस मामले में कौन दोषी है, कौन दोषी नहीं है, यह पता करना पुलिस का काम है, न कि किसी फ़ैक्ट-चेक कंपनी का। AltNews के फ़ैक्ट चेक को देखकर लगता है कि वो टीवी पर आने वाले CID सीरियल को बहुत देखते हैं जहाँ वो ACP प्रद्युम्न और उनकी टीम से काफ़ी प्रेरित हैं।

‘कमेंट्स’ के लिए AltNews के प्रतीक ने OpIndia CEO राहुल रोशन को बोला, मिला करारा जवाब

फ़र्ज़ी न्यूज फैलाने में पेशेवर और स्वघोषित फ़ैक्ट-चेकर AltNews के संस्थापक प्रतीक सिन्हा ‘कमेंट’ के लिए ऑपइंडिया के CEO राहुल रोशन के पास जा पहुँचे। इस प्रतिक्रिया को प्रकाशित इसीलिए किया गया है ताकि ऐसे तत्वों को ऑपइंडिया के CEO के बयान को ग़लत ढंग से प्रचारित और प्रसारित करने का कोई अवसर न मिल सके।

ऑल्ट न्यूज़ वाला प्रतीक सिन्हा: दोमुँहापन, नंगई और बेहूदगी का पर्याय

वैसे प्रतीक सिन्हा के कुकर्मों की शृंखला से यह संभावना तो लगती नहीं कि इसमें सुधार की गुंजाइश है, फिर भी उम्मीद पर दुनिया क़ायम है।

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